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पौधों के प्रति लगाव ने अनिल को बनाया ‘पर्यावरण मित्र’

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मुंगेर (बिहार), 3 जून (आईएएनएस)| आज जहां एक ओर सरकारी महकमा पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने के लिए जी तोड़ प्रयास में लगा है, वहीं मुंगेर का एक सरकारी कर्मचारी पर्यावरण के प्रति उत्साह के साथ समर्पित है। मुंगेर के आयुक्त कार्यालय में चतुर्थवर्गीय पद पर कार्यरत अनिल राम के पर्यावरण के प्रति समर्पण की भावना को देखकर लोग अब इन्हें ‘पर्यावरण मित्र’ से संबोधित करते हैं।

अनिल करीब 20 वर्षो से न केवल सरकारी कर्मचारी के कर्तव्य को बखूबी निभा रहा हैं, बल्कि इस कार्य के बाद वे खुद के लगाए गए पौधों की देखभाल करना भी नहीं भूलते हैं।

आचार्य लक्ष्मीकांत मिश्र स्मृति सम्मान सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित अनिल कुमार राम मुंगेर के किला परिसर सहित सड़क किनारे पौधे लगा कर लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हैं। अनिल ने आईएएनएस से कहा कि पौधरोपण और पौधों की देखभाल करना अब उनकी दिनचर्या में शामिल है।

पूरबसराय, कृष्णापुरी निवासी अनिल के लिए इस कार्य को प्रारंभ करना भी कम दिलचस्प नहीं है। वे बताते हैं कि वे किसी काम से बरियारपुर गए थे, जहां जेबकतरों ने उनकी पॉकेटमारी कर ली थी। उनके पास वापस लौटने तक के लिए पैसे नहीं बचे थे। उस दिन चिलचिलाती धूप में वह बरियारपुर से मुंगेर करीब 20 किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर घर पहुंचे। धूप में चलने के बाद उन्हें तपिश का जो एहसास हुआ, वह उसे आजतक भूल नहीं पाए।

उसी समय उन्होंने संकल्प लिया कि आमलोगों को सड़क पर चलने के दौरान छांव का एहसास हो, इसके लिए वह सड़क किनारे पेड़ लगाएंगे। इसके बाद वह पौधे लगाने के अभियान में जुट गए और अब तक अनिल करीब 1500 पौधे लगा चुके हैं।

अनिल बताते हैं, मैं पीपल, कुसुम, बरगद, जामुन, गुलमोहर सहित अधिकांश छायादार प्रजाति के पौधे लगाता हूं, जिससे लोगों को अधिक छांव मिल सके।

अनिल ना सिर्फ पौधा लगाते हैं, बल्कि पांच से छह फीट लंबा होने तक उसकी पूरी देखभाल भी करते हैं। पौधे की सुरक्षा में लगने वाला बांस गैबियन का खर्च भी वह स्वयं वहन करते हैं। वे आयुक्त कार्यालय परिसर, किला गेट से लेकर पोलो मैदान तक लगभग 500 पौधे लगा चुके हैं।

पौधरोपण के प्रति उनकी लगन को देख कर लोग उन्हें अब ‘पर्यावरण मित्र’ के नाम से भी पुकारते हैं। पौधरोपण के प्रति उनकी लगन को देखते हुए स्वयसेवी संस्था ‘आनंद आश्रय’ ने उन्हें पानी टैंक भी उपलब्ध करा दिया है, जिससे उन्हें पौधों को पानी देने में अब परेशानी नहीं होती।

अनिल रविवार को अवकाश के दिन कम से कम दो पौधे जरूर लगाते हैं। इसके अलावा जिस दिन कार्यालय में अवकाश रहता है उस दिन भी वह सड़क किनारे पौधरोपण करते हैं। पौधों में कार्यालय अवधि के पूर्व और छुट्टी के बाद वह नियमित पानी का पटवन करते हैं। हरे-भरे पौधे देखकर उन्हें आत्मसंतुष्टि मिलती है।

अनिल की बेटी प्रीति आईएएनएस को बताती है, पापा ने पर्यावरण संरक्षण के लिए जब कार्य करना शुरू किया था, तब वे परिवार के प्रति समय नहीं दे पाते थे। इसे लेकर पापा से घर के सभी लोग खफा रहते थे। परंतु आज उनके द्वारा लगाए गए पौधों को देख परिवार वाले भी उनका समर्थन करने लगे हैं।

अनिल कहते हैं कि आज इस कार्य में उनका पूरा परिवार समर्थन कर रहा है। वे कहते हैं कि उनकी छोटी बेटी जिसकी शादी कुछ दिन पूर्व हुई थी, वह भी अपने शादी के आमंत्रण पत्र में पर्यावण सरक्षण को ले स्लोगन लिखवाई थी।

पर्यावरण मित्र के काम से प्रसन्न मुंगेर के जानेमाने समाजसेवी सागर यादव कहते हैं, अनिल राम जिस तरह पर्यावरण को लेकर लोगों के बीच प्रेरणास्रोत बने हैं वह कम बड़ी बात नहीं है। उन्हें देखकर लोग न केवल पर्यावरण के प्रति जागरूक हो रहे हैं, बल्कि पौधरोपण भी कर रहे हैं। अनिल के कार्यो से अधिकारियों और सरकार को भी शिक्षा लेनी चाहिए।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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