बिजनेस
प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा ब्रिक्स
ब्राजिलिया, 11 नवंबर (आईएएनएस)| उभरती हुई अर्थव्यस्थाओं के ब्रिक्स समूह ने प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने तथा एकाधिकार का मुकाबला करने के अपनी प्रतिस्पर्धा की पुष्टि की है। ब्रिक्स के पांच सदस्यों – ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ने यहां 5वें सम्मेलन में शुक्रवार को एक संयुक्त घोषणापत्र जारी किया, जिसमें उन नीतियों और प्रयासों को लगातार बढ़ावा देने की बात कही गई है, जो प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देता हो।
ब्राजील की आर्थिक रक्षा परिषद (सीएडीई) द्वारा आयोजित किए गए इस आयोजन में ब्रिक्स और अन्य देशों के अधिकारी और विशेषज्ञ शामिल हुए।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने सीएडीई के अध्यक्ष अलेक्जेंडर बरेटो के हवाले से कहा, अकादमिक प्रकृति की परिचर्चा के अलावा प्रतिस्पर्धा के लिए नीतियों के गठन पर चर्चा की गई। इसके अलावा आने वाले सालों में सहयोग बढ़ाने को लेकर हमारे पास ठोस प्रस्ताव है।
उन्होंने कहा, हम उन सूचनाओं का आदान-प्रदान करेंगे, जो प्रतिस्पर्धा के क्षेत्र से संबंधित देशों के अधिकारियों को उनके दैनिक कार्यो में मदद करेगी। इससे संबंधित देशों और उनके निवासियों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी।
बरेटो ने बताया कि इस साल के सम्मेलन में 25 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसमें 26 विश्वविद्यालयों के शिक्षाविदों समेत, आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी), व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीटीएडी) और विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
प्रादेशिक
एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन
मुंबई। एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार यात्रा रुइया हाउस से शाम 4 बजे हिंदू वर्ली श्मशान के लिए निकलेगी।
शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की स्थापना की थी। वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम चार बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।
उद्योगपति शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपने व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद एस्सार ग्रुप ने इस्पात, तेल रिफाइनरी, अन्वेषण और उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।
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