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हेल्थ

प्रदूषण के खिलाफ ओला को मिला विराट का साथ

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नई दिल्ली, 16 नवंबर (आईएएनएस)| स्मॉग और भारी वायु प्रदूषण से जूझ रहे दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में मोबाइल एप कंपनी ओला ने पिछले सप्ताह से अभियान ‘फर्क पड़ता है’ का चौथा चरण शुरू किया है।

यह अभियान 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर भीड़-भाड़ और प्रदूषण के प्रति जागरूकता फैलाने और शेयर्ड मोबिलिटी को प्रोत्साहन देने के लिए शुरू किया गया था। ओला के प्रयास को देखते हुए क्रिकेट दिग्गज और भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली भी प्रदूषण और यातायात की व्यस्तता के खिलाफ लड़ाई में शामिल हो गये हैं। दिल्ली-एनसीआर में वायु की खराब होती गुणवत्ता की ओर ध्यान खींचते हुए कोहली ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने प्रशंसकों को साझा परिवहन समाधान, जैसे मेट्रो ट्रेन, बस और ओला शेयर अपनाने का अनुरोध किया है।

विराट कोहली ने कहा, मैं दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति पर आपका ध्यान दिलाना चाहता हूं। हम वाद-विवाद कर सकते हैं कि इस प्रदूषण का कारण क्या है, लेकिन हम इसके लिये क्या कर रहे हैं? दिल्ली का प्रदूषण कम करने की जिम्मेदारी हम सबकी है। अगर प्रदूषण के खिलाफ मैच जीतना है, तो हमें एक साथ खेलना होगा। इसलिये, साथ आएं और परिवहन को साझा करें।

कोहली ने कहा, मैं चाहता हूं कि आप बस, मेट्रो या ओला शेयर का उपयोग करें। यदि हम सप्ताह में एक बार ऐसा करते हैं, तो भी बड़ा बदलाव कर सकते हैं.. क्योंकि हर छोटे काम से भी फर्क पड़ता है। यदि आप सहमत हैं, तो इस पोस्ट को साझा करें और अपना समर्थन दें।

ओला ने ट्वीट किया, आये आये कप्तान! आइये हम वह करें, जो हमारे नियंत्रण में हैं। यदि विराट के ट्वीट को 5000 रीट्वीट मिलते हैं, तो हम ओला शेयर का पहली बार उपयोग करने वाले लोगों को इस वर्ष में प्रत्येक सप्ताह एक बार निशुल्क साझा यात्रा का उपहार देंगे। क्या कहती हो दिल्ली, परवाह करें और साझा करें? रीट्वीट करें और बदलाव लाएं।

ओला के मुख्य परिचालन अधिकारी विशाल कौल ने कहा, दिल्ली का प्रदूषण चिंताजनक है। यह एक छोटा सा कदम है, लेकिन इससे बड़ा बदलाव होगा! ओला शेष वर्ष के लिये सप्ताह में एक बार ओला शेयर के नए उपयोगकर्ताओं को निशुल्क यात्रा देकर प्रत्येक नागरिक की सहायता के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आगे कहा, शेयर करके देखो, फर्क पड़ता है।

ओला शेयर दिल्ली एनसीआर में 35 रुपये के मूल्य पर उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त 10 साझा यात्राओं का पास 10 रुपये में उपलब्ध है, जो कि एनसीआर में उचित दरों पर साझा यात्रा के साथ जेब पर अच्छा विकल्प है।

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लाइफ स्टाइल

दिल से जुड़ी बीमारियों को न्योता देता है जंक फूड, इन खाद्य पदार्थों से करें परहेज  

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Junk food invites heart related diseases, avoid these foods

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नई दिल्ली। अनियमित लाइफ स्टाइल व तला भुना जंक फूड दिल से जुड़ी बीमारियों की मुख्य वजह बन गया है। स्टडीज़ के अनुसार, अगर आप अपने दिल की सेहत में सुधार करना चाहते हैं, तो इन 4 तरह के खाने से दूरी बना लें।

तला हुआ खाना

कई शोध से पता चला है कि सैचुरेटेड फैट्स शरीर में बैड कोलेस्ट्ऱॉल की मात्रा को बढ़ाने का काम करते हैं। रेड मीट, फ्रेंच फ्राइज़, सैंडविच, बर्गर आदि जैसे फूड्स LDL यानी बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ाते हैं, जिससे स्ट्रोक और दिल के दौरे का ख़तरा बढ़ जाता है।

चीनी युक्त सोडा या फिर केक

चीनी को मीठा ज़हर ही कहा जाता है। केक, मफिन, कुकीज़ और मीठी ड्रिंक्स शरीर में सूजन का कारण बनते हैं। चीनी का ज़्यादा सेवन शरीर में फैट्स बढ़ाता है, जिससे डायबिटीज़, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।

लाल मांस

रेड मीट सैचुरेटेड फैट्स से भरपूर होता है, जिसकी वजह से धमनियों में प्लाक जम सकता है। जिनको मटन खाने का शौक है, उन्हें वह हिस्सा खाना चाहिए जिसमें ज़्यादा प्रोटीन और कम फैट हो। अगर आप चिकन खा रहे हैं तो ब्रेस्ट, विंग्ज़ वाला हिस्सा में ज़्यादा प्रोटीन होता है और कम फैट। वहीं, मछली सबसे हेल्दी और अच्छा ऑप्शन है।

सफेद चावल, ब्रेड या फिर पास्ता

सफेद ब्रेड, मैदे, चीनी और प्रोसेस्ड तेल को मिलाकर तैयार किए जाने वाले फूड्स में किसी भी तरह का फायदा नहीं होता। ऐसा ही सफेद पास्ता के साथ भी है। सफेद चावल में फाइबर की मात्रा कम होती है, इसलिए दिल की सेहत के लिए इसका ज़्यादा सेवन नहीं किया जाना चाहिए।

 

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