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बिजनेस

फाइवेयर लैब नोड स्थापित करेगी एनईसी

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नोएडा, 12 दिसम्बर (आईएएनएस)| एनईसी कॉरपोरेशन और एनईसी टेक्नोलॉजीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एनईसीटीआई) ने मंगलवार को घोषणा की कि वे देश में फाइवेयर लैब नोड स्थापित करेंगी।

इस लैब का मकसद एप्लीकेशन डेवलपरों और समाधान प्रदाता संगठनों, सरकारी निकायों और शैक्षिक समुदाय को स्मार्ट सिटीज के लिए नए फाइवेयर केंद्रित समाधानों के लिए प्रोत्साहित करना है। कंपनियों ने एक बयान में कहा कि भारत में फाइवेयर लैब नोड होने से एशियाई देशों से अधिक भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि वे क्षेत्र की सीमा के अंदर सभी प्रयोगात्मक और शोध डेटा को बरकरार रख सकेंगे।

बयान में कहा गया कि भारत में फाइवेयर लैब नोड से विभिन्न प्रतिभागी संस्थाओं के बीच भागीदारी की संस्कृति को मजबूत बनाने और फाइवेयर समुदाय में उनके समाधानों को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। भारत सरकार द्वारा ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर पर अपना ध्यान केंद्रित किए जाने से फाइवेयर उन विशेषताओं के आधार पर स्वतंत्र एपीआई की पेशकश कर सकती है जो सार्वजनिक और रॉयल्टी-मुक्त हैं।

फाइवेयर कम्युनिटी का हिस्सा फाइवेयर लैब एक ऐसा नॉन-कमर्शियल सैंडबॉक्स एनवायरनमेंट है जिसमें नवाचार और परीक्षण फाइवेयर प्रौद्योगिकियों पर आधारित हैं। संगठन, उद्यमी और व्यक्ति फाइवेयर को सीखने के साथ साथ अपने एप्लीकेशनों की जांच के लिए इस लैब का इस्तेमाल कर सकते हैं और शहरों और अन्य संगठनों द्वारा प्रकाशित ओपन डेटा का लाभ उठा सकते हैं। फाइवेयर लैब को संगठित नोड्स के भौगोलिक रूप से वितरित नेटवर्क के तहत पेश किया गया है।

फाइवेयर फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी उलरिह एहले ने कहा, फाइवेयर फाउंडेशन भारत में शुरू हो रही नई फाइवेयर लैब नोड का स्वागत करता है। फाइवेयर का इस्तेमाल यूरोप और अन्य क्षेत्रों में बड़ी तादाद में शहरों द्वारा किया गया है और मैं चाहता हूं कि नई फाइवेयर लैब नोड भारत और अन्य अपैक देशों, दोनों में फाइवेयर की लोकप्रियता को बढ़ावा देगी।

एनईसी कॉरपोरेशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (सिस्टम इंटिग्रेशन, सर्विसेज एंड इंजीनियरिंग ऑपरेशंस यूनिट) नाओकी हशितानी ने कहा, स्मार्ट सिटी और डिजिटल इंडिया प्रोजेक्ट के लिए भारत सरकार की मजबूत पहलों की वजह से हम भारत में विभिन्न क्षेत्रों में आईओटी-आधारित एप्लीकेशनों के लिए अच्छी मांग देख रहे हैं और इसके लिए फाइवेयर प्रौद्योगिकियां एक स्वतंत्र और साझा मंच के तौर पर काम कर सकती हैं। इस संदर्भ में, भारत फाइवेयर लैब नोड स्थापित करने के लिए हमारे लिए स्वाभाविक रूप से एक पसंदीदा स्थान है। हम फाइवेयर कम्युनिटी के प्रयासों को बढ़ावा देने और स्मार्ट सिटी के बढ़ते अवसरों को पूरा करने के लिए फाइवेयर प्रौद्योगिकियों पर आधारित नवीनतम समाधानों को विकसित करने के लिए इस इकाई का पूरी तरह से इस्तेमाल करेंगे।

एनईसी फाइवेयर फाउंडेशन की प्लेटिनम सदस्य है। एनईसी इस फाउंडेशन से जुड़ने वाली पहली जापानी कंपनी थी और वह फाइवेयर फाउंडेशन के निदेशक मंडलों और टेक्नीकल स्टीयरिंग कमेटी में भी शामिल हुई, जिससे स्मार्ट सिटी और स्मार्ट इंडस्ट्री बिजनेस यूटीलाइिंग इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) में तेजी लाने के लिए फाइवेयर टेक्नोलॉजी के विकास, मानकीकरण और प्रोत्साहन में योगदान मिला है।

फाइवेयर एक ऐसा ओपन सोर्स प्लेटफॉर्म है जो ओपन स्टैंडर्ड-आधारित एपीआई के जरिये सभी क्षेत्रों और एजेंसियों के डेटा शेयरिंग के माध्यम से रियल-टाइम स्मार्ट सेवाओं को सक्षम बनाता है। फाइवेयर फाइवेयर एनजीएसआई के साथ स्मार्ट एप्लीकेशनों के लिए पारस्परिकता के प्रयास में कॉमन कंटेक्स्ट इन्फोर्मेशन एपीआई, डेटा पब्लिकेशन प्लेटाफॉर्मो और स्टैंडर्ड डेटा मॉडलों के लिए विवरणों पर ध्यान केंद्रित करती है। यह टेक्नोलॉजी यूरोप और अन्य क्षेत्रों के 23 देशों में 100 से अधिक शहरों में मौजूद है। यह रॉयल्टी फ्री है और किसी तरह के वेंडर लॉक-इन से बचाती है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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