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फिक्की उच्च शिक्षा सम्मेलन में ‘भविष्य के विश्वविद्यालयों’ पर चर्चा

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नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)| फिक्की के उच्च शिक्षा सम्मेलन 2018 में यहां ‘भविष्य के विश्वविद्यालयों’ पर चर्चा की गई। मानव संसाधन मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय की भागीदारी में इस सम्मेलन के 14वें संस्करण का आयोजन किया गया। सम्मेलन में वाणिज्य, उद्योग और नागरिक विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने मंगलवार को ‘भविष्य के विश्वविद्यालय-शिक्षा 4.0’ विषय पर फिक्की-ईवाई दृष्टिकोण पत्र जारी किया।

फिक्की-ईवाई दृष्टिकोण पत्र में बताया गया है कि भविष्य के विश्वविद्यालयों को अभूतपूर्व चुनौतियों के साथ नवाचार के अवसरों के लिए भी तैयार होना चाहिए। उद्योगों से मिले इनपुट से अपने पाठ्यक्रम को समृद्ध करने के अलावा, विश्वविद्यालयों को छात्रों को करियर परामर्श, उद्योग से जुड़ने का अवसर और कौशल उन्नयन के लिए ऑनलाइन पाठ्यक्रम प्रदान करना चाहिए।

दृष्टिकोण पत्र में बताया गया कि छात्रों के अनुभव को समृद्ध बनाने के लिए विश्वविद्यालयों को प्रौद्योगिकी का प्रयोग करना चाहिए ताकि उन्हें प्रयोगात्मक और सहयोगपूर्ण शिक्षा हासिल हो। साथ ही उन्हें अपने कार्यक्रम में लचीलापन प्रदान करना चाहिए, नवोन्मेष के विचारों को प्रोत्साहित करना चाहिए।

इस मौके पर प्रभु ने शिक्षा जगत से उच्च शिक्षा की चुनौतियों को पहचानने तथा चौथी औद्योगिक क्रांति की जरूरतों को समझने का आह्वान किया, ताकि भविष्य के छात्र दुनिया का सामना कर सकें।

उन्होंने कहा, “यह महत्वपूर्ण है कि कैसे सीखें, लेकिन उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है कि कैसे नहीं सीखें। ऐसा तभी संभव है, जब दिमाग खुला हो और सतत सीखने की ललक हो।”

मंत्री ने सभी हितधारकों के बीच साझेदारी का आह्वान किया क्योंकि शिक्षा अकेले विश्वविद्यालयों में ही नहीं दी जा सकती।

सम्मेलन में नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के अध्यक्ष टैन इंग चे ने कहा, “कोई भी विश्वविद्यालय हो, वह ऐसा सारा ज्ञान और कौशल नहीं दे सकता है, जिसकी व्यक्ति को अगले 50 सालों तक जीवन में जरूरत होती है।”

उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती उन ग्रेजुएट के लिए नौकरियों के सृजन की है, जिन्होंने अपने कौशल का उपलब्ध रोजगार के हिसाब से उन्नयन नहीं किया है। उन्होंने उम्मीद जताई की अल्पकालिक पाठ्यक्रमों से शिक्षा जारी रखने वाले ग्रेजुएट के लिए रोजगार के अन्य मौके भी उपलब्ध होंगे।

 

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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