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खेल-कूद

बड़े लक्ष्य के दबाव में बिखरी टीम : धौनी

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 सिडनी| आईसीसी विश्व कप-2015 के सेमीफाइनल मैच में गुरुवार को सिडनी क्रिकेट मैदान (एससीजी) पर आस्ट्रेलिया से मिली 95 रनों की हार के बाद भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने कहा कि 300 रनों से ज्यादा का लक्ष्य हमेशा से मुश्किल होता है और इसी दबाव के कारण टीम की बल्लेबाजी बिखर गई। आस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने 329 रनों का लक्ष्य रखा था लेकिन भारतीय टीम 46.5 ओवरों में 233 रनों पर सिमट गई।

धौनी के अनुसार, “हमने अच्छी शुरुआत की लेकिन आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की गेंदबाजी अच्छी रही। उन्हें लगातार रिवर्स स्विंग मिल रहा था। शिखर धवन का आउट होना अहम रहा। हमें अच्छी शुरुआत मिली थी लेकिन जब गेंदबाजों पर दबाव बनाने का समय आया तभी वह आउट हो गए।”
धौनी ने कहा, “भारतीय टीम को अच्छी शुरुआत मिल चुकी थी और धवन को वैसा शॉट नहीं खेलना चाहिए था। कई बार हालांकि जब आप 300 रनों से बड़े लक्ष्य का पीछा करते हैं तो ऐसी गलती होती है।”
भारत इस मैच में लगातार अंतराल पर विकेट गंवाता रहा लेकिन धौनी एक छोर पर डटे हुए थे और भारत की ओर से सर्वाधिक 65 रन बनाए।
धौनी के अनुसार, “मेरे सामने बहुत बड़ी जिम्मेदारी थी जिसे अकेले पूरा करना मुश्किल था। हमारा निचला क्रम बल्लेबाजी में बहुत कमजोर है। ज्यादातर अच्छी टीमों के पास बल्लेबाजी में गहराई है।”
अगले विश्व कप में हिस्सा लेने की संभावनाओं के बारे में सवाल पूछे जाने पर धौनी ने कहा, “मैं अभी 33 साल का हूं और फिट हूं। अगले साल टी-20 विश्व कप है। उसके बाद ही 2019 के विश्व कप में खेलने के बारे में कोई फैसला लूंगा।”
गौरतलब है कि इस हार के साथ भारतीय टीम का करीब चार महीने का आस्ट्रेलियाई दौरा भी समाप्त हो गया। अजिंक्य रहाणे की विशेष तारीफ करते हुए धौनी ने कहा कि उनके बल्लेबाजी में हाल के दिनों में काफी सुधार आया है।
धौनी ने साथ ही भारतीय टीम के प्रशंसकों को भी पूरे टूर्नामेंट के दौरान समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।

खेल-कूद

विराट कोहली ने की है 12वीं तक पढ़ाई, इस सब्जेक्ट का नाम सुनकर ही आ जाता था पसीना

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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली आज अपना 36वां जन्मदिन मना रहे हैं। अपने 16 साल के करियर में विराट इतने आगे निकल गए हैं कि उनके रिकार्ड्स को तोड़ना लगभग नामुमकिन सा लगता है। आज विराट के जन्मदिन के मौके पर हम आपको ऐसी बात बताने जा रहे हैं जो आपने शायद पहले कभी नहीं सुनी होगी। आज हम आपको बताएंगे कि मैदान पर अपनी बल्लेबाजी से गेंदबाजों को डराने वाले विराट किससे डरा करते थे।

आपको जानकर हैरानी होगी कि मैदान पर रिकॉर्ड्स के अंबार लगाने वाले विराट कोहली ने केवल 12वीं तक की ही पढ़ाई की है। क्रिकेट के प्रति दीवानगी के चलते उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। विराट ने दिल्ली की ‘विशाल भारती पब्लिक स्कूल’ से पढ़ाई की है। स्कूल की वेबसाइट में भी एल्युमनाई में कोहली का जिक्र है और उनकी तस्वीरें भी लगा रखी है।

दिल्ली के जानेमाने स्कूल में से एक इस स्कूल को कई अवार्ड मिल चुके हैं। विराट का फेवरेट सब्जेक्ट हिस्ट्री था। विराट हमेशा से ही अतीत की बातें सीखने के लिए उत्सुक रहते थे। मैथ्स एक ऐसा सब्जेक्ट था जिसके बारे में सुनकर विराट के पसीने छूट जाते थे। कहा जाता है कि एक बार विराट को मैथ्स में 100 में केवल 3 ही मार्क्स मिले थे।

विराट कोहली की ही कप्तानी में भारतीय टीम ने 2008 का अंडर-19 वर्ल्ड कप जीती थी। यह टूर्नामेंट मलेशिया में खेला गया था। इस शानदार प्रदर्शन के दम पर कोहली ने टीम इंडिया के लिए अपना पहला इंटरनेशनल मैच 18 अगस्त 2008 को श्रीलंका के खिलाफ खेला था।

 

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