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बाबा रामदेव बैलों से तैयार करवाएंगे बिजली

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बाबा रामदेव, बैलों, बिजली, पतंजलि

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नई दिल्ली। पतंजलि प्रॉडक्ट्स की शानदार कामयाबी के बाद बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण बैल की ऊर्जा से बिजली तैयार करने की जुगत में है। ये बुल पॉवर यानी बैल की ताकत से बिजली बनाने का प्रयोग कर रहे हैं।

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यह आइडिया बालकृष्ण का है, जिस पर करीब डेढ़ साल से काम चल रहा है। शुरुआती कामयाबी भी मिली है। मकसद यही है कि बैलों को बुचड़खाने भेजने के बजाए बिजली बनाने के काम में लिया जाए।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रोजेक्ट में भारत की मल्टीनेशनल ऑटोमोबाइल कंपनी और तुर्की की कंपनी भी शामिल है। प्रोटोटाइप का डिजाइन तैयार हो चुका है। रिसर्च प्रोजेक्ट से जुड़े लोगों के मुताबिक, अब तक टर्बाइन की मदद से 2.5 किलोवॉट बिजली बनाने का सफल प्रयोग हो चुका है। अब चुनौती ज्यादा बिजली बनाने की है। एक अंग्रेजी अखबार से चर्चा में रहे बालकृष्ण ने कहा, अब तक माना जाता था कि बैल किसी काम के नहीं होते और उन्हें बूचड़खाने भेज दिया जाना चाहिए।

बालकृष्ण ने पुष्टि की कि हरिद्वार स्थित पतंजलि मुख्यालय में यह एक्‍सपेरिमेंट चल रहा है। सुबह बैलों से हल चलवाए जा सकते हैं और शाम को बिजली बनाने में उनका इस्तेमाल हो सकता है। हम अभी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या एक गरीब किसान अपने बैल की मदद से घर रोशन करने लायक बिजली का उत्‍पादन कर सकता है या नहीं?

वहीं प्रोजेक्ट से जुड़े एक अधिकारी ने बताया, अभी तक बड़े स्तर पर बिजली बनाने में कामयाबी हासिल नहीं हुई है। शोध जारी है। पतंजलि कंपनी का मकसद गरीब परिवारों की मदद करना है। कंपनी इस प्रोजेक्ट से जुड़ी कोई चीज नहीं बेचेगी।

 

 

 

 

 

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मध्य प्रदेश के शहडोल में अनोखे बच्चों ने लिया जन्म, देखकर उड़े लोगों के होश

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शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ऐसे बच्चों ने जन्म लिया है, जिनके 2 शरीर हैं लेकिन दिल एक ही है। बच्चों के जन्म के बाद से लोग हैरान भी हैं और इस बात की चिंता जता रहे हैं कि आने वाले समय में ये बच्चे कैसे सर्वाइव करेंगे।

क्या है पूरा मामला?

एमपी के शहडोल मेडिकल कालेज में 2 जिस्म लेकिन एक दिल वाले बच्चे पैदा हुए हैं। इन्हें जन्म देने वाली मां समेत परिवार के लोग परेशान हैं कि आने वाले समय में इन बच्चों का क्या भविष्य होगा। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा कि शरीर से एक दूसरे से जुड़े इन बच्चों का वह कैसे पालन-पोषण करेंगे।

परिजनों को बच्चों के स्वास्थ्य की भी चिंता है। बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा इन्हें रीवा या जबलपुर भेजने की तैयारी की जा रही है, जिससे इनका उचित उपचार हो सके। ऐसे बच्चों को सीमंस ट्विन्स भी कहा जाता है।

जानकारी के अनुसार, अनूपपुर जिले के कोतमा निवासी वर्षा जोगी और पति रवि जोगी को ये संतान हुई है। प्रेग्नेंसी के दर्द के बाद परिजनों द्वारा महिला को मेडिकल कालेज लाया गया था। शाम करीब 6 बजे प्रसूता का सीजर किया गया, जिसमें एक ऐसे जुडवा बच्चों ने जन्म लिया, जिनके जिस्म दो अलग अलग थे लेकिन दिल एक ही है, जो जुड़ा हुआ है।

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