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बिहार : प्रीति, जीवेश सहित 30 हस्तियों को मिला तिलका मांझी सम्मान
भागलपुर (बिहार), 27 अगस्त (आईएएनएस)| स्वयंसेवी संस्था अंग मदद फाउंडेशन ने यहां सोमवार को आयोजित एक समारोह में तिलका मांझी राष्ट्रीय सम्मान से 30 हस्तियों को सम्मानित किया। सम्मान पाने वालों में लेखन, निर्देशन एवं समाजसेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली प्रीति सुमन एवं पत्रकार जीवेश रंजन सिंह भी शमिल हैं। अपने-अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले चयनित 30 विभूतियों को तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो़ नलिनी कांत झा, पूर्व वरिष्ठ पत्रकार व इस्टर्न बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष मुकुटधारी अग्रवाल व फाउंडेशन की सचिव वंदना झा ने संयुक्त रूप से रविवार को आयोजित एक समारोह में सम्मानित किया। सम्मान पाने वालों में पत्रकारिता, साहित्य, शिक्षा, खेल, चिकित्सा, पर्यावरण व समाजसेवा आदि में उल्लेखनीय योगदान देने वाले लोग शामिल हैं।
सम्मानित व्यक्तियों को अंग वस्त्र और प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया गया तथा उनके योगदान की प्रशंसा की गई।
मंच संचालन प्रख्यात गांधीवादी व वरिष्ठ पत्रकार प्रसून लतांत ने किया, जबकि कुमार कृष्णन ने समारोह के मकसद पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सभी विधाओं से लोगों को जोड़ना ही फाउंडेशन का उद्देश्य है।
स्वतंत्रता सेनानी शुभकरण चूड़ीवाला की याद में आयोजित इस कार्यक्रम में बिहार पुलिस अकादमी व बिहार सैन्य पुलिस के महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय, राज्य पिछड़ा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रतन मंडल, दिल्ली से आए पत्रकार ब्रजकिशोर मिश्रा सहित कई गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया।
इससे पहले, समारोह स्थल पर महात्मा गांधी की 150वीं जयंती से डेढ़ महीने पहले उन से संबंधित चित्र प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें आजादी के दिनों में उनके संघर्ष व व्यक्तित्व को दिखाया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए पुलिस अधिकारी गुतेश्वर पांडेय ने कहा कि अंग मदद फाउंडेशन ने तिलका मांझी की स्मृति को विस्तार तेते हुए राष्ट्रीय स्तर का सम्मान आरंभ किया है। इस बार बिहार के विभिन्न जिलों सहित असम, दिल्ली, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों से पर्यावरण, साहित्य, पत्रकारिता, समाजसेवा, नाटक, गायन, धरोहर संरक्षण, खेल, महिला सशक्तीकरण, कला, चिकित्सा, शिक्षा और गांधीवादी लेखन के लिए विभिन्न हस्तियों को सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे समारोह समाज में नैतिक ऊर्जा का विकास करेंगे।
सम्मानित होने वालों में अंगिका साहित्य के साहित्यकार अनिरुद्ध प्रसाद विमल, समाजसेवी लक्ष्मी नारायण डोकानिया, चिकित्सक डॉ़ एऩ के. आनंद, धरोहर संरक्षण में उल्लेखनीय योगदान देने वाले प्रभात शंकर, शिक्षा के क्षेत्र में शिवनंदन सलिल, पत्रकार जीवेश रंजन, साहित्य, पत्रकारिता के लिए डॉ. भावना, समाजसेवा के लिए निसार अहमद आसी, साहित्यकार पी़ एऩ जायसवाल, महिला सशक्तीकरण के लिए रंजना सिंह बीहट, अंगिका काव्य के लिए भगवान प्रलय, चिकित्सक डॉ़ ममता शामिल हैं।
इसके अलावा नूतन पांडेय, रंजीता सिंह, शशिधर मेहता, लता पराशर तथा नेबूलाल पुष्कर को भी सम्मानित किया गया।
सीतामढ़ी के बेलाम छपकौनी गांव की रहने वाली प्रीति सुमन को समाजसेवा व गायन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए सम्मानित किया गया। सुमन कई टीवी सीरियलों में सहायक निर्देशक के रूप में काम कर चुकी हैं। उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ फिल्म में भूमिका भी की है। इसके अलावा डॉ़ सुनीता देवदूत सोरेन को भी तिलका मांझी सम्मान से सम्मानित किया गया।
उल्लेखनीय है कि यह सम्मान प्रतिवर्ष दिया जाता है।
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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