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प्रादेशिक

बिहार : मुख्यमंत्री राहत कोष में मंत्रियों, विधायकों ने दिए दान

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पटना | नेपाल में भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री राहत कोष में अपने एक महीने का वेतन दान दिया। इसके साथ ही मंत्रियों, विधायकों और संस्थाओं की तरफ से मुख्यमंत्री राहत कोष में दान दिए जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री सचिवालय के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष और विधान पार्षद रामचंद्र भारती ने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए दो लाख रुपये का चेक सौंपा, जबकि जनता दल (युनाइटेड) के विधान पार्षद विनोद सिंह ने अपने एक महीने का वेतन कोष में दान दिया।

खाद्य आपूर्ति मंत्री श्याम रजक ने भी एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कराया है। इधर, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम ने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए 1़50 करोड़ का चेक मुख्यमंत्री को सौंपा, जबकि आईपीएस वाइएस एसोसिएशन की ओर से 50 हजार रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कराए गए हैं। डॉ़ डी़ वाई. पाटिल पुष्पलता पाटिल इंटरनेशनल स्कूल की ओर से मुख्यमंत्री राहत कोष में दो लाख रुपये जमा कराए गए हैं।

इस बीच बिहार विद्युत बोर्ड पेंशनर समाज ने प्रधानमंत्री के नेपाल राहत कोष में पेंशनरों के एक दिन की पेंशन राशि देने की घोषणा की है। पेंशनर समाज के महासचिव बी़ एल़ यादव ने कहा कि राशि जल्द ही भेज दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि गुरुवार को मुख्यमंत्री ने नेपाल में भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए लोगों से अधिक से अधिक संख्या में आगे आने की अपील करते हुए मुख्यमंत्री राहत कोष में दान देने का आह्वान किया था।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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