प्रादेशिक
बिहार में कमंडल बनाम मंडल की होगी लड़ाई : लालू
पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने जातीय जनगणना की रपट जल्द प्रकाशित करने की मांग को लेकर सोमवार को यहां राजभवन मार्च किया। इस दौरान राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने कहा कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में कमंडल बनाम मंडल की लड़ाई होगी। पटना के आर ब्लॉक चौराहा पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए लालू ने कहा कि केंद्र सरकार ने जातिगत जनगणना कर ली है, तो जातियों की संख्या बताने में पीछे क्यों हट रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को जातियों की संख्या सार्वजनिक करनी चाहिए।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पिछड़ी जातियों का विरोधी बताते हुए कहा, “प्रधानमंत्री जातीय जनगणना की रपट सार्वजनिक नहीं करना चाहते। राजद सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करेगा। जातीय जनगणना की रपट जारी करवाने के लिए किसी हद तक जाएंगे।” उन्होंने कहा कि राजद जल्द ही बिहार बंद का ऐलान करेगी। उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान को भी नसीहत देते हुए कहा कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का बचाव करना छोड़ दीजिए।
अपने पुराने अंदाज में नजर आ रहे लालू ने कार्यकर्ताओं को गांव-गांव जाने का निर्देश देते हुए कहा कि सभी कार्यकर्ता गांव-गांव जाएं और ‘कांव-कांव’ कर लोगों को भाजपा सरकार की हकीकत बताएं। लालू के राजभवन मार्च को लेकर राजधानी के प्रमुख चौक-चौराहों पर पोस्टर-बैनर लगाए गए थे। लालू के राजभवन मार्च के दौरान दोनों पुत्र उनके साथ रहे। इसके पूर्व राजद अध्यक्ष ने खुली जीप में सवार होकर रैली का नेतृत्व किया। उनके साथ सैकड़ों कार्यकर्ता थे। राजभवन मार्च की शुरुआत गांधी मैदान के जेपी गोलंबर से हुई। यह मार्च डाकबंगला चौराहा, पटना रेलवे स्टेशन होते हुए आऱ ब्लॉक चौराहा पहुंचा। राजद काफिले को राजभवन की तरफ बढ़ने की अनुमति नहीं मिली, जिस कारण आर ब्लॉक चौराहे पर ही जनसभा का आयोजन किया गया।
राजभवन मार्च में राजद के सांसद, विधायक, विधान पार्षद, पार्टी पदाधिकारी एवं सभी जिलाध्यक्ष और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल रहे।
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच
लखनऊ | योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।
लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।
कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान
राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।
हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश
टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।
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