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बीएमसी चुनाव : खत्म हुई वोटिंग, 52.17 फीसदी मुंबईकरों ने डाला वोट

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मुंबई। महाराष्ट्र में मंगलवार को बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी), 11 जिला परिषदों तथा 118 पंचायत समितियों सहित 10 महानगरपालिकाओं के लिए मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। बृहन्मुंबई नगर निगम सहित ठाणे, पुणे तथा नासिक तथा 11 जिला परिषदों तथा 118 पंचायत समितियों के लिए मंगलवार को मतदान हुआ। निकाय चुनाव को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के लिए विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है।

अनुमानित तौर पर मुंबई के 92 लाख मतदाताओं में से 52.17 फीसदी ने मतदान किया। मतदान करने वालों में राजनीतिज्ञ व बॉलीवुड के दिग्गज भी शामिल हैं। देश की आर्थिक राजधानी और सबसे धनी बृहन्मुंबई नगर निगम चुनाव में अमूमन काफी कम मतदान होता रहा है।

मतदान के उत्साहजनक आंकड़ों को लेकर फडणवीस ने ट्वीट किया, “रिकॉर्ड मतदान तथा लोकतंत्र के पर्व में शामिल होने के लिए धन्यवाद मुंबई।” बीते चार कार्यकाल से बीएमसी पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिवसेना गठबंधन का कब्जा है। चालू वित्तवर्ष (2016-17) के लिए बीएमसी का 37,052 करोड़ रुपये का बजट है।

इसके मुकाबले, पूरे गोवा का बजट पिछले साल 14,700 करोड़ रुपये का था। निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने कहा कि ठाणे, उल्हासनगर, नासिक, पुणे, पिंपरी-चिंचवड़, सोलापुर, अमरावती, अकोला तथा नागपुर में भी मतदान हुआ।

पहले चरण का मतदान 16 फरवरी को हुआ था। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भाजपा को नोटिस पीरियड पर बताते हुए कहा कि गुरुवार को चुनाव के नतीजों के बाद वह फैसला करेंगे कि राज्य स्तर पर गठबंधन को जारी रखना है या नहीं।

भाजपा के लिए यह चुनाव उसकी पारदर्शिता तथा सुशासन के दावे पर मिड टर्म रिपोर्ट कार्ड है। बृहन्मुंबई के 227 पार्षदों के चुनाव के लिए कुल 7,304 मतदान केंद्रों पर मतदान के लिए कई क्षेत्रों के दिग्गज पहुंचे। कुल 2,275 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे।

राज्य के निर्वाचन आयुक्त जे.एस. सहरिया सुबह-सुबह अपने परिवार के साथ मतदान करने मतदान केंद्र पहुंचे। दोपहर में मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरूपम, मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार, मुंबई राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष सचिन अहीर, नगर पालिका आयुक्त अजय मेहता, महापौर स्नेहल अंबेकर तथा लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष मनोहर जोशी वोट डालने पहुंचे।

मुख्यमंत्री फडणवीस तथा उनकी पत्नी अमृता ने नागपुर में मतदान किया। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भावत ने भी नागपुर में ही मतदान किया। राकांपा के अध्यक्ष शरद पवार, उनकी बेटी सुप्रिया सुले, शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे ने भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।

मतदान केंद्र पर बॉलीवुड अभिनेत्री रेखा, रणबीर सिंह, अनुष्का शर्मा, श्रद्धा कपूर, गुलजार जैसी फिल्मी हस्तियों सहित टेलीविजन धारावाहिकों के कलाकार तथा मराठी फिल्मों के स्टार भी मतदान करने अपने-अपने मतदान केंद्रों पर पहुंचे।

कुल 3.77 करोड़ मतदाता 17,331 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। ये सभी 5,512 सीटों पर अपना भाग्य आजमा रहे हैं। कुल 10 महानगर पालिकाओं की 1,268, 11 जिला परिषदों की 2,956 तथा 118 पंचायत समितियों की 1,288 सीटों पर मतदान हुआ।

राज्यभर में मतदान के लिए 43,160 मतदान केंद्र बनाए गए थे। दोनों चरणों के मतदान की नतीजे की घोषणा गुरुवार को की जाएगी। चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), शिवसेना, कांग्रेस, राकांपा तथा मनसे सहित कई प्रमुख पार्टियों ने अपने उम्मीदवार खड़े किए थे।

इसके अलावा, समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), ऑल इंडिया मजलिए-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन सहित क्षेत्रीय व स्थानीय समूहों ने चुनाव मैदान में अपने उम्मीदवार उतारे थे।

कोलाबा के अंकित लेंदे तथा परेल के महेश नावले ने शादी करने से पहले मतदान किया। मतदान केंद्र पर मौजूद लोगों ने दोनों दूल्हों का स्वागत किया और उनकी प्रशंसा की।

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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग

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नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।

विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।

चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।

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