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भाई के लगन और मेहनत से प्रेरित होकर टेबल टेनिस में आई : समारा (साक्षात्कार)
नई दिल्ली, 26 जून (आईएएनएस)| विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीत चुकीं रोमानिया की महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी एलिजाबेथ समारा का कहना है कि अपने भाई की मेहनत के कारण वह इस खेल में इस ऊंचाई तक पहुंच सकी हैं।
29 वर्षीय समारा तीन बार 2008, 2012 और 2016 ओलंपिक खेलों में अपने देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। इसके अलावा वह 2012 के हुआंग्शी विश्व चैंपियनशिप के महिला एकल वर्ग में में रजत पदक भी अपने नाम कर चुकी हैं।
समारा ने आईएएनएस के साथ साक्षात्कार में कहा, जब मैं छोटी थी तब मेरा भाई मुझे भी अपने टेबल टेनिस कोचिंग अकामदी ले जाया करते थे। वह वहां खूब मेहनत करते थे। मैं अपनी मां के साथ भाई को लेने ट्रेनिंग अकादमी जाती थी। इस दौरान ट्रेनिंग अकादमी में भाई की मेहनत ने कुछ समय बाद मुझे भी इस खेल में उतरने के लिए प्रेरित कर दिया। इसके बाद ही मैंने टेबल टेनिस खेलना शुरू किया।
समारा इस समय सिएट अल्टीमेट टेबल टेनिस (यूटेटे) लीग के दूसरे सीजन में महाराष्ट्र युनाइटेड की ओर से खेल रही हैं। युनाइटेड लीग का दिल्ली चरण समाप्त होने के बाद 38 अंकों के साथ छह टीमों की अंकतालिका में चौथे नंबर पर है। समारा ने अब तक पांच मैचों में नौ गेम जीते हैं।
समारा ने कहा, यूटेटे काफी प्रतिस्पर्धात्मक लीग है। अभी तक इसका शानदार आयोजन हुआ है। विदेशी खिलाड़ियों के पास लीग से अनुभव हासिल करने का यह अच्छा मौका है।
यह पूछे जाने पर कि अपने खेल को निखारने के लिए, लीग से उन्हें किस तरह की मदद मिल रही है? रोमानियाई खिलाड़ी ने कहा, लीग से अभी तक काफी अच्छा अनुभव मिला है। मैं लीग में पहली बार खेल रही हूं। अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों के होने से लीग काफी प्रतिस्पर्धात्मक बना हुआ है। टेबल टेनिस तेज गति का खेल है और इसमें खेलते समय एक बेहद चौकन्ना रहना होगा। प्रत्येक एकल वर्ग मैच से आपके पास सीखने का मौका है और मैं इससे सीख रही हूं।
आफेंसिव स्टाइल ऑफ प्लेइंग पसंद करने वाली वल्र्ड नंबर-19 समारा को लीग में भारतीय खिलाड़ियों से कड़ी चुनौती मिल रही है और वह खुद भी इस बात को स्वीकार करती हैं। उनका कहना है कि भारतीय खिलाड़ियों के खिलाफ होने वाले मुकाबलों में उन्हें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना पड़ता है।
तीन बार की यूरोपियन चैंपियन ने कहा, हां, भारतीय खिलाड़ियों ने पिछले कुछ वषरें में अपने प्रदर्शन में काफी सुधार किया है। इस बार राष्ट्रमंडल खेलों में किए गए उनके प्रदर्शन से आप इसका अंदाजा लगा सकते हैं कि वे कितने शानदार फार्म में हैं। मैच के दौरान उनका आत्मविश्वास काफी ऊंचा होता है।
यह पूछने पर कि उनके लिए कौन सा भारतीय खिलाड़ी सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण हैं, समारा ने कहा, अधिकतर खिलाड़ियों के खेलने की शैली एक जैसी ही है। मैं सानिल, हरमीत और मानव के खिलाफ मिश्रित युगल में खेल चुकी हूं और ये सभी खिलाड़ियों के खिलाफ खेलना चुनौतीपूर्ण है।
रोमानियाई खिलाड़ी ने लीग में अपने महाराष्ट्र युनाइटेड के प्रदर्शन को लेकर कहा, हमारे पास युवा और अनुभवी खिलाड़ियों की एक मिश्रित टीम है। सत्र के दौरान हम एक-दूसरे की मदद करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि रणनीति के तहत मैच जीता जाए। हालांकि पिछले कुछ मैचों में हमारा प्रदर्शन योजना के अनुसार प्रदर्शन नहीं रहा है। मिश्रित युगल के दौरान मैं भी चोटिल हो गई थी। लेकिन मुझे विश्वास है कि हम वापसी करेंगे।
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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