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बिजनेस

भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार 6.5 फीसदी रहने का अनुमान

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नई दिल्ली, 5 जनवरी (आईएएनएस)| वित्त वर्ष 2017-18 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान यह 7.1 फीसदी थी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा शुक्रवार को जारी अनुमान के मुताबिक, वित्त वर्ष 2017-18 के राष्ट्रीय आय अनुमान के मुताबिक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 129.85 लाख करोड़ रुपये रहेगी।

सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2017-18 के राष्ट्रीय आय अनुमान में कहा है, जीडीपी की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि 2016-17 में यह 7.1 फीसदी रही थी।

इससे पहले चालू वित्त वर्ष की 30 सितंबर को समाप्त हुई तिमाही में देश की जीडीपी दर 6.3 फीसदी रही और पहली तिमाही में 5.7 फीसदी रही थी।

आंकड़ों के मुताबिक, सकल मूल्य वृद्धि (जीवीए) वित्त वर्ष 2016-17 में 111.85 लाख करोड़ रुपये थी, जो वित्त वर्ष 2017-18 में 118.71 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।

बयान में कहा गया है, 2016-17 में जीवीए की वृद्धि दर 6.6 फीसदी थी, जो 2017-18 में 6.1 फीसदी रहने का अनुमान है।

आंकड़ों में बताया गया है कि ‘सार्वजनिक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाएं’, ‘व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण सेवाएं’, ‘बिजली, गैस, जलापूर्ति और अन्य उपभोक्ता सेवाएं’ और ‘वित्तीय, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं’ की वृद्धि सात फीसदी से ऊपर रहेगी।

वहीं, दूसरी तरफ ‘कृषि, वानिकी और मत्स्यपालन’, ‘खनन और उत्खनन’, ‘विनिर्माण’ और ‘निर्माण’ क्षेत्रों की वृद्धि दर क्रमश: 2.1 फीसदी, 2.9 फीसदी, 4.6 फीसदी और 3.6 फीसदी रहने का अनुमान है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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