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भारतीय भाषाओं का एकदूसरे के साथ घुलना-मिलना जरूरी : गुलजार

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बेंगलुरू, 6 अगस्त (आईएएनएस)| भारत में बड़ी संख्या में साहित्यिक अनुवादकों की जरूरत पर बल देते हुए प्रतिष्ठित ख्यातिलब्ध गीतकार एवं फिल्मकार गुलजार ने कहा है कि देश की विभिन्न भाषाओं का एकदूसरे साथ घुलना-मिलना बेहद जरूरी है।

बेंगलुरू कविता महोत्सव के दूसरे संस्करण में लेखक एवं अनुवादक तथा राज्यसभा पवन के. वर्मा के साथ कविता पर आयोजित सत्र में गुलजार ने कहा, भाषाओं को एकदूसरे के साथ घुलना-मिलना बेहद जरूरी है। हमें देश में और अनुवाद कार्य और अनुवादकों की जरूरत है।

गुलजार ने कहा कि भारत में इस समय ‘सबसे प्रभावशाली कविताएं’ पूर्वोत्तर में रची जा रही हैं और इस तरह के साहित्योत्सवों की बेहद जरूरत है, जो भारत की सभी भाषाओं के रचनाकारों को एक मंच पर लाएं।

अनुवाद की चुनौतियों पर पवन वर्मा ने कहा, भाषाएं सिर्फ संचार का माध्यम भर नहीं होतीं, बल्कि संस्कृतियों का झरोखा होती हैं। लोगों को अपनी मातृभाषा पर गर्व होना चाहिए, लेकिन अभिमान नहीं।

वर्मा ने कहा, उत्तर भारत में रहने वाले लोगों को दक्षिण भारतीय भाषाएं सीखने की कोशिश करनी चाहिए।

अट्टा गलाट्टा बुक स्टोर द्वारा आयोजित इस कविता महोत्सव में प्रख्यात सरोद वादक अमजद अली खान, निबंधकार, कवि एवं समालोचक अशोक वाजपेयी, जेरी पिंटो, रंजीत होसकोटे और तमिल भाषा की कवियित्री सलमा सहित अनेक जाने-माने रचनाकारों ने हिस्सा लिया।

साहित्यकारों और संगीतकारों ने अपनी-अपनी कलाओं के माध्यम से विभिन्न सामाजिक एवं राजनीतिक विषयों पर विमर्श किया।

महोत्सव के निदेशक एवं लेखक शिनी एंटनी ने आईएएनएस से कहा कि इस साहित्य महोत्सव का उद्देश्य विभिन्न कलाओं को एकीकृत करना है।

उन्होंने कहा, हम इस महोत्सव को समावेशी बनाना चाहते हैं। हम भाषायी कविता और मंचीय कविता के बीच के अंतर को खत्म करना चाहते हैं।

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नेशनल

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

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