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बिजनेस

भारतीय शेयर बाजार मे तेजी, सेंसेक्स मनोवैज्ञानिक स्तर पर

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सेंसेक्स तीस हजार से नीचे बंद, भारतीय शेयर बाजार मे तेजी, फ्रांस में पहले दौर के राष्ट्रपति चुनाव, इमैन्युएल मैक्रों को मिली बढ़त से बाजार को बल

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मजबूत वैश्विक संकेतों से सेंसेक्स तीस हजार से नीचे बंद

मुंबई| बीते सप्ताह देश के शेयर बाजार मजबूती के साथ बंद हुए। हालांकि, सेंसेक्स 30,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे बंद हुआ। फ्रांस में पहले दौर के राष्ट्रपति चुनाव में इमैन्युएल मैक्रों को मिली बढ़त से बाजार को बल मिला। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 553.10 अंकों यानी 1.88 फीसदी की तेजी के साथ 29,918.40 पर बंद हुआ।

सेंसेक्स तीस हजार से नीचे बंद, भारतीय शेयर बाजार मे तेजी, फ्रांस में पहले दौर के राष्ट्रपति चुनाव, इमैन्युएल मैक्रों को मिली बढ़त से बाजार को बल

जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों का संवेदी सूचकांक निफ्टी 184.56 अंकों यानी 2.02 फीसदी की मजबूती के साथ 9,304.05 पर बंद हुआ। कारोबारी सप्ताह के अंत में निफ्टी रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ। इस सप्ताह पांच में से तीन कारोबारी सत्र में सेंसेक्स और निफ्टी में मजबूती रही।

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घरेलू शेयर बाजार 24 अप्रैल, 2017 यानी सोमवार को मजबूती के साथ खुले। फ्रांस के राष्ट्रपति चुनाव के पहले दौर में उदारवादी मध्यमार्गी इमैन्युएल मैक्रों को सर्वाधिक वोट मिलने से बाजार को बल मिला। इस दौरान सेंसेक्स 290.54 अंकों यानी 0.99 फीसदी की मजबूती के साथ 29,65.84 पर बंद हुआ, जो 11 अप्रैल 2017 के बाद अब तक इसका सर्वाधिक उच्चतम बंद स्तर है।

बाजार में 25 अप्रैल यानी मंगलवार को भी मजबूती रही। इस दौरान सेंसेक्स 287.40 अंकों यानी 0.97 फीसदी की मजबूती के साथ 29,943.24 पर बंद हुआ, जो पांच अप्रैल के बाद इसका उच्चतम बंद स्तर रहा।

बाजार में 26 अप्रैल यानी बुधवार को भी लगातार तीसरे दिन मजबूती रही। सेंसेक्स 190.11 अंकों यानी 0.63 फीसदी की बढ़त के साथ 30,133.5 पर बंद हुआ।

घरेलू बाजार में 27 अप्रैल यानी गुरुवार को मुनाफा वसूली की वजह से गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स 103.61 अंकों यानी 0.34 फीसदी की गिरावट के साथ 30,029.74 पर बंद हुआ, जो 25 अप्रैल, 2017 के बाद इसका सबसे निम्नतम बंद स्तर है।

निवेशकों द्वारा लगातार दूसरे दिन मुनाफा वसूली होने से बाजार में गिरावट देखी गई। सेंसेक्स 111.34 अंकों यानी 0.37 फीसदी की गिरावट के साथ 29,918.40 पर बंद हुआ, जो 24 अप्रैल के बाद इसका सबसे निम्न बंद स्तर है।

इस सप्ताह सेक्टर सूचकांकों में एसएंडपी बैंकिंग में 3.63 फीसदी और बीएसई ऑटो में 3.93 फीसदी की मजबूती रही। वहीं, एसएंडपी बीएसई आईटी में 0.63 फीसदी और बीएसई हेल्थकेयर में 0.93 फीसदी की गिरावट रही।

सेंसेक्स के शेयरों में से एशियन पेंट्स (5.42 फीसदी), ऐक्सिस बैंक (4.9 फीसदी), बजाज ऑटो (1.69 फीसदी), भारती एयरटेल (3.25 फीसदी) और गेल (5.81 फीसदी) में मजबूती रही। वहीं, सिप्ला (1.17 फीसदी), कोल इंडिया (0.13 फीसदी), डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज (0.15 फीसदी), ल्युपिन (5.06 फीसदी) और एनटीपीसी (1.59 फीसदी) में गिरावट रही।

इस सप्ताह राजनीतिक मोर्चे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के चुनाव में बंपर जीत दर्ज की, जिससे घरेलू बाजार को बल मिला।

वैश्विक मोर्चे की बात करें तो अमेरिका में नई महत्वाकांक्षी कर कटौती योजना पेश की गई, जिसे अमेरिकी इतिहास में सबसे बड़ा कर सुधार माना जा रहा है।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कर प्रणाली में सुधार के लिए जो प्रस्ताव पेश किया है, उसमें कॉरपोरेट कर में बड़ी कटौती करते हुए इसे 35 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी करना शामिल है। वहीं, यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ईसीबी) ने मौद्रिक नीति में कोई बदलाव नहीं किया, जिससे निवेशकों को राहत मिली है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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