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भारतीय सीवेज प्रणाली के तत्काल आधुनिकीकरण की जरूरत : बिजवाड़ा विल्सन

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नई दिल्ली, 13 अगस्त (आईएएनएस)| बीते दिनों राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित देश के विभिन्न हिस्सों से सीवर की सफाई के दौरान सफाईकर्मियों की मौत की कई घटनाएं सामने आने के बाद हाथ से मैला ढोने के खिलाफ लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे और मैग्सेसे अवार्ड विजेता बिजवाड़ा विल्सन का कहना है कि देश की सीवेज प्रणाली को पूरी तरह बदले बगैर और हाथ से मैला ढोने या सफाई करने के काम को खत्म किए बगैर कुछ नहीं होने वाला।

वह भारत सरकार की अति महत्वाकांक्षी परियोजना ‘स्वच्छ भारत’ और शौचालयों के निर्माण को लेकर उपहास भरे स्वर में कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस तरह की घटनाओं पर कभी कुछ नहीं कहते, जैसे बीते दिनों राजधानी में सीवर की सफाई करते हुए तीन सफाईकर्मियों की मौत का मामला।

इस साल अब तक अकेले दिल्ली में सीवर के मैले और जहरीली गैस ने 70 लोगों की जान ले ली है।

विल्सन ने आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में कहा, उन्हें (प्रशासन) इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि सफाई करने वाले लोग कौन हैं। वे शौचालय के निर्माण और ऐसी ही दूसरी बड़ी-बड़ी बातें करने वाले लोग हैं, लेकिन वे यह नहीं जानना चाहते कि सफाई करने वाले लोग कौन हैं।

सफाई कर्मचारी आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक विल्सन ने केंद्र सरकार से देश की सीवेज प्रणाली को आधुनिकीकृत किए जाने की मांग की है, साथ ही उनकी यह भी मांग है कि राज्य सरकारों को दायित्व पूरा न कर पाने की स्थिति में जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।

विल्सन कहते हैं, केंद्र सरकार को हस्तक्षेप कर नीति में बदलाव करना होगा। केंद्र सरकार को बिल्कुल स्पष्ट मंशा के साथ पूरे देश के लिए एक योजना तैयार करनी होगी। सभी राज्य सरकारों को सीवेज प्रणाली के आधुनिकीकरण की अपनी-अपनी योजनाएं लानी होंगीं।

वह सफाईकर्मियों की मौत पर केंद्र और राज्य सरकारों की ‘निष्ठुरता’ को लेकर अपना गुस्सा भी व्यक्त करते हैं।

वह सवालिया लहजे में कहते हैं, इस तरह की घटनाओं पर प्रधानमंत्री क्यों नहीं बोलते? उनके पास विधवा महिलाओं के साथ रक्षा बंधन मनाने का समय है, लेकिन बीते दिनों जो तीन लोग मर गए उनकी पत्नियां क्या अन्य विधवाओं से कम हैं? वह शहर में ही थे, फिर वह उनके घर क्यों नहीं जा सकते।

विल्सन दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार पर भी अपनी भड़ास निकालते हुए कहते हैं, सत्तारूढ़ आप पार्टी, जिसका चुनाव चिह्न भी झाड़ू है, ने पीड़ितों को मुआवजा तक नहीं दिया। जब भी ऐसी कोई घटना होती है, मैं अधिकारियों को पत्र लिखता हूं। मैंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी इस मुद्दे पर कई बार लिखा, लेकिन मुझे कभी कोई जवाब नहीं मिला।

दिल्ली सरकार ने उसके बाद लाजपत नगर में सफाई करने के दौरान मरे तीन सफाइकर्मियों के परिवार वालों को 10-10 लाख रुपये के मुआवजे और प्रत्येक परिवार के एक-एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की।

लापरवाही का आरोप झेल रहे दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने कहा कि उनके पास जरूरी सुरक्षा उपकरण मौजूद हैं, लेकिन सफाईकर्मी ही सीवर में उतरते समय उन्हें नहीं पहनना चाहते।

राजधानी दिल्ली में शनिवार को एक निजी मॉल में सेफ्टी टैंक की सफाई करते समय जहरीली गैस के चलते दो भाइयों की मौत हो गई।

बीते तीन दशकों से इस मुद्दे पर काम कर रहे विल्सन हालांकि इसे मानने से इंकार कर देते हैं और जोर देकर कहते हैं कि उपलब्ध सुरक्षा उपकरण पुराने पड़ चुके हैं और उपयोगी नहीं रह गए हैं।

विल्सन कहते हैं, उनके पास सीमित उपकरण ही हैं, उनके पास जो उपकरण हैं, वे पुराने पड़ चुके हैं और यहां तक कि सफाई कर्मचारियों को उनके इस्तेमाल का प्रशिक्षण भी नहीं दिया गया है..जहां तक उपकरणों का सवाल है तो दस्तानों के आकार सही नहीं हैं और रबर के उन जूतों का क्या फायदा जब आपको कमर तक गंदगी में खड़ा होना पड़ता है।

स्थानीय निकाय के अधिकार क्षेत्र से बाहर किसी निजी ठेकेदार द्वारा करवाए जा रहे कार्य के दौरान घटी इस तरह की घटना पर क्या सरकार को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है?

इस सवाल पर विल्सन तीखी प्रतिक्रिया देते हैं, दिल्ली में सभी सीवर दिल्ली सरकार के अधीन हैं। उनमें कुछ भी होता है तो यह उनकी जिम्मेदारी बनती है। आप (प्रशासन) अपने काम से पल्ला झाड़ किसी को ठेका दे देते हैं और अगला भी किसी दूसरे ठेकेदार को यह काम सौंप देता है। लेकिन अगर कुछ गड़बड़ होती है तो प्रारंभिक जिम्मेदारी तो सरकार की ही बनती है।

करीब सप्ताह भर पहले छह अगस्त को लाजपत नगर के जलवायु विहार में सीवर की सफाई के दौरान तीन सफाईकर्मियों की जहरीली गैस के चलते मौत हो गई। एक सफाईकर्मी बच गया, जिसने बताया कि उन्हें एक निजी ठेकेदार ने सीवर की सफाई का काम दिया था। तब से ठेकेदार फरार है।

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5.6 मिलियन फॉलोअर्स वाले एजाज खान को मिले महज 155 वोट, नोटा से भी रह गए काफी पीछे

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मुंबई। टीवी एक्टर और पूर्व बिग बॉस कंटेस्टेंट एजाज खान इस बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने उतरे थे। हालांकि जो परिणाम आए हैं उसकी उन्होंने सपने में भी उम्मीद नहीं की होगी। एजाज आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के टिकट पर वर्सोवा सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे लेकिन उन्होंने अभी तक केवल 155 वोट ही हासिल किए हैं।

आपको जानकर हैरानी होगी कि नोटा को भी 1298 वोट मिल चुके हैं। इस सीट से शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के हारून खान बढ़त बनाए हुए हैं जिन्हें अबतक करीब 65 हजार वोट मिल चुके हैं।

बता दें कि ये वहीं एजाज खान हैं जिनके सोशल मीडिया पर 5.6 मिलियन फॉलोअर्स हैं। ऐसे में बड़ी ही हैरानी की बात है कि उनके इतने चाहने वाले होने के बावजूद भी  1000 वोट भी हासिल नहीं कर पाए। केवल 155 वोट के साथ उन्हें करारा झटका लगा है।

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