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बिजनेस

भारत पेट्रोलियम का शुद्ध लाभ 30 फीसदी घटा

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नई दिल्ली,सरकारी तेल विपणन कंपनी भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड,शुद्ध लाभ 30 फीसदी कम,लाभांश

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नई दिल्ली | सरकारी तेल विपणन कंपनी भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) ने गुरुवार को कहा कि गत कारोबारी साल की चौथी तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 30 फीसदी कम रहा। कंपनी ने कहा कि आलोच्य तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 2,853 करोड़ रुपये का रहा, जो एक साल पहले समान अवधि में 4,068 करोड़ रुपये था।

इस दौरान कुल बिक्री 51,346 करोड़ रुपये की हुई, जो एक साल पहले समान अवधि में 74,736 करोड़ रुपये थी। इस दौरान कंपनी का रिफाइनिंग मार्जिन घटकर प्रति बैरल 3.62 डॉलर रह गया, जो एक साल पहले 4.33 डॉलर प्रति बैरल था। कंपनी के बोर्ड ने प्रति शेयर 22.50 रुपये लाभांश देने की सिफारिश की है। बंबई स्टॉक एक्सचेंज में कंपनी के शेयर 2.57 फीसदी तेजी के साथ 817.25 रुपये पर बंद हुए।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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