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भूमि अधिग्रहण विधेयक में सुधार को सरकार तैयार : वेंकैया

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हैदराबाद| केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री एम.वेंकैया नायडू ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार भूमि अधिग्रहण विधेयक पर देशव्यापी बहस के लिए तैयार है। विपक्ष द्वारा कारगर सुझाव देने पर विधेयक में सुधार किया जाएगा। नायडू ने इस विधेयक को किसान और गरीब समर्थक होने का दावा किया और सभी राजनीतिक दलों से विधेयक का समर्थन करने की अपील की, ताकि इससे विकास में तेजी आए और किसान भी विकास प्रक्रिया में भागीदार बन सकें।

उन्होंने हैदराबाद में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, “हम तैयार हैं। औचित्य के आधार पर एक राष्ट्रीय बहस हो। आंख बंद कर विधेयक का विरोध करने के बजाए रचनात्मक तर्क दीजिए।”

नायडू ने कहा कि लोकसभा में चर्चा के दौरान विधेयक में पहले ही नौ संशोधन हो चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को आश्वासन दिया था कि यदि विधेयक में कोई खामी है तो उसमें सुधार किए जा सकते हैं।

नायडू ने कहा कि यदि राज्यों को नए विधेयक के क्रियान्वयन में कोई आपत्ति है तो वे पिछले कानून को ही लागू रख सकते हैं।

लोकसभा में 11 मार्च को भूमि अधिग्रहण में उचित मुआवजा का अधिकार और पारदर्शिता, पुनर्वास एवं पुनस्र्थापना (संशोधन) विधेयक 2015 को पारित किया गया था।

यह विधेयक अब राज्यसभा में पेश होगा, जहां विपक्षी दलों का बहुमत है। इस विधेयक को 20 अप्रैल से शुरू हो रहे संसद सत्र के दूसरे चरण में ऊपरी सदन में पेश किए जाने की संभावना है।

उन्होंने दोहराया कि सरकार ने 32 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद यह अध्यादेश जारी किया था। उन्होंने इस बात की ओर भी इशारा किया कि पूर्व केंद्रीय वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा सहित कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने एक नए कानून के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है।

उन्होंने कहा, “किसानों के विकास को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उनके भविष्य को बेहतर बनाना होगा और इसलिए सरकार ने व्यापक विचार-विमर्श और प्रतिपुष्टि के बाद यह अध्यादेश जारी किया है।”

उन्होंने कहा कि नए विधेयक के तहत, जिन किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई है, उन्हें चार गुना अधिक मुआवजा मिलेगा। उनके परिवार के एक सदस्य को रोजगार उपलब्ध करा किसानों को विकास प्रक्रिया में भागीदार बनाया जाएगा।”

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प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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