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खेल-कूद

मजबूत डिफेंस, अटल इरादों से मिली खिताबी हैट्रिक : प्रदीप नरवाल

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नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)| ‘डुबकी किंग’ नाम से मशहूर अपने 20 वर्षीय कप्तान प्रदीप नरवाल के शानदार प्रदर्शन के दम पर फाइनल मैच में गुजरात फार्च्यूनजाएंट्स को मात देकर पटना पाइरेट्स ने वीवो प्रो-कबड्डी लीग सीजन-5 का खिताब जीतकर हैट्रिक लगाई है।

पटना की टीम यह मुकाम हासिल करने वाली प्रो कबड्डी इतिहास की पहली टीम बन गई है।

इस खिताबी हैट्रिक के पीछे सिर्फ और सिर्फ एक खिलाड़ी का योगदान है और वह हैं प्रदीप नरवाल। कबड्डी के युग पुरुष के तौर पर अपनी साख बनाने वाले प्रदीप ने हालांकि, इस जीत का श्रेय अच्छे डिफेंस और मजबूत इरादों को दिया।

प्रदीप ने आईएएनएस के साथ खास बातचीत में कहा, यह पूरी टीम की जीत है क्योंकि लीग के अंतिम और अहम मुकाबलों में उनके डिफेंस ने अच्छा काम किया और मोनू गोयत जैसे उनके साथी रेडर ने अच्छा साथ निभाया। प्रदीप को इस टूर्नामेंट का सबसे उम्दा खिलाड़ी चुना गया। वह यह पुरस्कार लगातार दूसरे साल पाने में सफल रहे हैं। पटना ने इससे पहले प्रदीप के साथ ही सीजन-3 और सीजन-4 का खिताब अपने नाम किया था।

चेन्नई से घर लौट रहे प्रदीप ने आईएएनएस को बताया, मैच की शुरुआत में भले ही टीम पिछड़ रही थी, लेकिन हमने अपनी कोशिश और लक्ष्य तक पहुंचने का इरादा नहीं छोड़ा। इसी आत्मविश्वास के दम पर हम आगे बढ़े और जीत हासिल की। हमारी टीम इस खिताब के लिए मानसिक तौर पर तैयार थी। हालांकि गुजरात का मजबूत डिफेंस उनकी राह में रोड़ा बनता दिख रहा था लेकिन कोच राम मेहर सिंह ने अपने खिलाड़ियों के साथ मिलकर उस चक्रव्यूह को तोड़ने का भी रास्ता निकाल लिया।

मैच से पहले प्रदीप ने कहा था कि अगर उनकी टीम को गुजरात के खिलाफ जीतना है, तो रेडिंग के साथ-साथ अपना डिफेंस भी मजबूत करना होगा और फाइनल मैच में पटना के डिफेंस ने कमाल का प्रदर्शन किया। प्रदीप ने जहां गुजरात के दमदार डिफेंडरों फजल अतराचली और अबोजार मोहाजेरमिगानी की हर चाल को नाकाम किया, वहीं पटना ने अच्छे डिफेंस से गुजरात के रेडरों के लिए अंक लेना मुश्किल कर दिया।

अपने डिफेंडरों के प्रदर्शन से खुश कप्तान प्रदीप ने कहा, पटना का डिफेंस इस मैच में शानदार रहा और इसी कारण हम शुरुआत में दोगुने अंकों के अंतर से पिछड़ने के बावजूद खेल में वापसी कर पाए और खिताब जीता। टीम के हर खिलाड़ी ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। हमारी रणनीति साफ थी। हम फजल और अबोजार को किसी भी हाल में मौका नहीं देना चाहते थे और इसी कारण हमने दोनों किनारों पर आक्रमण किए। इससे फजल और अबोजार बेबस नजर आए।

प्रदीप ने न केवल एक कप्तान के रूप में अपनी टीम को खिताबी हैट्रिक दिलाई, बल्कि पूरे सीजन में अपना अच्छा प्रदर्शन जारी रखते हुए ‘सीजन के टॉप स्कोरर’ और ‘टॉप रेडर’ का खिताब भी जीता। इस सीजन में प्रदीप ने एक मैच में सबसे अधिक रेड अंक (34), एक सीजन में सबसे अधिक रेड अंक (300) और एक रेड में सबसे अधिक अंक (8) का कीर्तिमान अपने नाम किया।

प्रदीप ने इस सीजन में कुल 369 रेड अंक हासिल किए हैं। वह एक सीजन में 300 रेड अंक पूरे करने वाले पहले खिलाड़ी भी बने। सीजन-2 से लीग का हिस्सा रहे प्रदीप ने कुल 632 रेड अंक हासिल किए हैं। वह सीजन-5 में सबसे अधिक सुपर रेड (18) मारने वाले खिलाड़ियों की सूची में भी आगे हैं। सबसे अधिक सुपर-10 भी उनके ही नाम हैं।

फाइनल मैच से पहले गुजरात के कोच मनप्रीत सिंह ने कहा था कि वह प्रदीप को सुपर-10 नहीं मारने देंगे। गुजरात के कोच मनप्रीत की इस गलतफहमी को दूर करते हुए प्रदीप ने न सिर्फ खिताब जीता बल्कि, अंतिम मैच में 19 रेड अंक भी हासिल किए।

प्रदीप ने इस लीग में पिछले तीन मैचों में ही अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर कुल 61 रेड अंक हासिल किए। वह जानते हैं कि वह लीग के सबसे बेहतरीन खिलाड़ी हैं और कहा जाए, तो सरताज हैं। हालांकि, प्रदीप को इस खिताब का गुरूर नहीं है और वह अब भी अपने आप को एक मामूली खिलाड़ी ही मानते हैं।

प्रदीप अभी केवल 20 साल के ही हैं और उनके आगे लंबा करियर है। करियर की शुरुआत में इस मुकाम पर पहुंचकर अपनी लोकप्रियता के बारे में प्रतिक्रिया देते हुए शर्मीले मिजाज के प्रदीप केवल मुस्कुरा दिए।

लीग के दौरान प्रदीप से जब पूछा गया कि वह अपनी लोकप्रियता को कैसे देखते हैं, तो उन्होंने कहा, मैं अभी शुरुआत कर रहा हूं और एक आम खिलाड़ी ही हूं। कोच मुझे जो सिखाते हैं, वो सीखता हूं और मैट पर सिर्फ रेड हासिल करने के इरादे से उतरता हूं।

प्रदीप लाइमलाइट से अलग अपनी सादगी में रहना ही पसंद करते हैं। वह लीग के दौरान भी टीम के खिलाड़ियों के साथ ही रहते हैं और अकेले होने पर ऐसी जगह पर बैठ जाना पसंद करते हैं, जहां उन्हें लोग पहचान न सकें।

प्रो-कबड्डी लीग में पटना के लिए इस समय प्रदीप किसी तुरुप के इक्के से कम नहीं हैं, जिसका इस्तेमाल टीम के लिए हारी हुई बाजी को जीत में तब्दील कर सकता है और यही सबूत है कि सीजन-5 में चैलेंज वीक के दौरान गुजरात के खिलाफ खेले गए दो मैचों में हार के बावजूद प्रदीप को करिश्माई खेल के दम पर पटना ने फाइनल में जीत हासिल कर तीसरी बार खिताब अपने नाम किया।

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खेल-कूद

IPL Auction: 13 साल के वैभव सूर्यवंशी ने रचा इतिहास, बन गए सबसे युवा करोड़पति

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पटना। बिहार के वैभव सूर्यवंशी ने महज 13 साल की उम्र में इतिहास रच दिया है। वैभव को आईपीएल मेगा नीलामी में राजस्थान रॉयल्स ने 1.1 करोड़ रुपये में खरीद लिया है। 13 साल 243 दिन की उम्र में वैभव आईपीएल के इतिहास में सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए। रॉयल्स और दिल्ली कैपिटल्स उन्हें अपने साथ जोड़ने में दिलचस्पी दिखाई। राजस्थान ने 1.1 करोड़ रुपये में अपने साथ जोड़ा।

वैभव ने हाल ही में सबका ध्यान अपनी ओर खींचा जब वह अंतरराष्ट्रीय शतक बनाने वाले सबसे युवा बल्लेबाज (13 वर्ष, 288 दिन) बने। उन्होंने चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 के खिलाफ भारत अंडर-19 के लिए खेले गए यूथ टेस्ट में 62 गेंदों पर 104 रन बनाए। बाएं हाथ के इस खिलाड़ी ने 58 गेंदों पर शतक बनाया। यह किसी भारतीय का सबसे तेज यूथ टेस्ट शतक और दुनिया में दूसरा सबसे तेज शतक था।

वैभव एक बेहतरीन खिलाड़ी है और उम्मीद जताई जा रही है कि 2025 आईपीएल में वह जबरदस्त प्रदर्शन करेंगे। वैभव की बात करें तो वह बिहार के समस्तीपुर जिले के रहने वाले हैं। महज 13 साल के बेटे के करोड़पति बनने के बाद उनके पिता भावुक नजर आ रहे हैं।

एक मीडिया चैनल को दिए गए इंटरव्यू में वैभव के पिता संजीव सूर्यवंशी ने कहा कि अपने बेटे के सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने बहुत कुछ किया। अपनी खेती तक की जमीन बेच दी ताकि वैभव क्रिकेट खेल सके और अपना करियर बना सके। वैभव के बारे में बात करते हुए पिता ने बताया कि उसे हमेशा से क्रिकेट में रूचि थी और वह महज 5 साल का था, तब से क्रिकेट खेल रहा है। वैभव को उनके पिता ने ही घर में नेट प्रैक्टिस करवाई, जिसके बागद समस्तीपुर क्रिकेट एकेडमी भेजा। उनके पिता ने बेटे की कामयाबी के लिए बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश तिवारी का भी शुक्रिया किया।

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