बिजनेस
मप्र : आम बजट से किसानों में निराशा
भोपाल, 1 फरवरी (आईएएनएस)| केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा गुरुवार को लोकसभा में पेश किए गए आम-बजट से किसानों में निराशा है। किसान कर्ज माफी से लेकर कुछ खास सुविधाओं की उम्मीद लगाए हुए थे, मगर बजट में ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है। जेटली द्वारा पेश बजट में कहा गया है कि सरकार द्वारा वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने की दिशा में आवश्यक कदम उठाए जा रही है। रबी फसल में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के तौर पर लागत का डेढ़ गुना दाम दिया गया, और खरीफ की फसलों में भी यही व्यवस्था रहेगी। साथ ही जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।
आम किसान यूनियन के संस्थापक केदार सिरोही का कहना है, इस बजट ने किसानों को निराश किया है, क्योंकि किसान कर्ज माफी और सुनिश्चित आय जैसे कदम उठाए जाने की उम्मीद लगाए हुए थे, मगर ऐसा हुआ नहीं। सरकार को किसानों का कर्ज कम करने की नीति बनाई जानी चाहिए थी, जिस पर किसी का ध्यान नहीं है। किसानों पर कर्ज बढ़ना और आत्महत्या की संख्या में इजाफा इस बात का प्रमाण है कि किसानी घाटे का धंधा है।
सिरोही ने कहा कि मछली पालक, दुग्ध उत्पादकों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा देने और फार्मर प्रॉड्यूसर कंपनियां को कर में छूट देने का फैसला अच्छा कदम है, लेकिन उपज लागत का डेढ़ गुना दाम देने की बात सिर्फ छलावा है, जमीनी हकीकत कुछ और है।
किसान संघर्ष समिति के संयोजक और पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम का कहना है, जेटली के आम बजट में किसानों की उम्मीदों को छला गया है। किसान उम्मीद लगाए बैठा था कि उसे सुविधाएं मिलने के साथ ही समर्थन मूल्य को लेकर कोई बड़ा फैसला होगा, मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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