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प्रादेशिक

मप्र के आंगनवाड़ी केंद्रों में अंडा नहीं, दूध ही मिलेगा : शिवराज

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भोपाल,मध्यप्रदेश,आंगनवाड़ी केंद्रों,मुख्यमंत्री चौहान

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भोपाल | मध्यप्रदेश के कुछ इलाकों के आंगनवाड़ी केंद्रों में दूध के बजाय अंडा दिए जाने की चल रही कोशिश के बीच मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने साफ कर दिया है कि राज्य के आंगनवाड़ी केंद्रो में बच्चों और गर्भवती महिलाओं को अंडा नहीं, दूध ही दिया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महासंपर्क अभियान के लिए आयोजित कार्यशाला में शुक्रवार को मुख्यमंत्री चौहान ने राज्य सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे प्रयासों का हवाला दिया।

उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण के लिए नीति बनाई जा चुकी है। पुलिस की तरह अन्य महकमों में भी 33 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है। महिला उद्यमी को उद्योग लगाने पर सात वर्ष तक ब्याज नहीं भरना पड़ेगा, इसे सरकार वहन करेगी। इतना ही नहीं प्रदेश के आंगनवाड़ी केंद्रों में अंडा नहीं, दूध बच्चों और गर्भवती माताओं को सुलभ होगा। राज्य के जनजातीय बहुल जिलों के अधिकारियों ने आंगनवाड़ी केंद्रों में दूध के स्थान पर अंडा दिए जाने की वकालत करते हुए राज्य सरकार को प्रस्ताव भी भेजा था। मुख्यंमंत्री के इस ऐलान के साथ यह साफ हो गया है कि आंगनवाड़ी केंद्रों में दूध ही मिलेगा।

चौहान ने इस मौके पर कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि पिछली सरकार अदृश्य सरकार थी, न तो उसका अस्तित्व दिखाई देता था और न उसके अस्तित्व से जनता को कोई सकून मिला था। देश में आये राजनैतिक परिवर्तन के साथ जनता ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनादेश दिया है। मोदी की वैश्विक छवि बनी है। आशा का विस्तार हुआ है, हताशा को एनडीए सरकार ने समाप्त किया है। उन्होंने बताया कि किसानों की खुशहाली सरकार की प्रतिबद्धता है। यूरिया का भंडारण कर दिया गया है, किसान यूरिया ले जाएं, कर्ज का ब्याज सरकार वहन करेगी। किसान को केंद्रित करके फसल बीमा योजना बनाई जा रही है। इसके लिए 15-16 जून को कार्यशाला आयोजित की जाएगी, जिसमें प्राकृतिक त्रासदी की दशा में किसान को आश्वस्त होने वाली न्यूनतम आय पर विचार किया जाएगा।

कार्यशाला में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि भारतीय जनसंघ की स्थापना वैचारिक अनुष्ठान को लेकर डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने की थी, हम विकास के साथ इस प्रतिबद्धता को लगातार आगे बढ़ा रहे हैं। देश की जनता ने हमें समर्थन दिया है और भारतीय जनता पार्टी के रूप में हम देश के उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम में जनता का विश्वास अर्जित करने की दिशा में तीव्र गति से बढ़ रहे हैं।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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