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प्रादेशिक

मप्र : पेटोल-डीजल पर कांग्रेस का विधानसभा में हंगामा

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भोपाल| मध्य प्रदेश में अन्य राज्यों की तुलना में पेटोल-डीजल पर वैट अधिक होने का मुद्दा कांग्रेस ने शुक्रवार को विधानसभा में उठाया। राज्य के वित्त मंत्री जयंत मलैया के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने सदन में हंगामा किया और सदन से बहिर्गमन किया।

विधानसभा में कांग्रेस विधायक शैलेश पटेल और रामनिवास रावत ने राज्य में पेटोल-डीजल पर लगने वाले वैट का मुद्दा उठाया। इसके जवाब में सरकार ने कहा कि राज्य में पेटोल-डीजल पर 12 प्रतिशत वैट लगता है। वहीं कई राज्य ऐसे हैं जहां वैट सात प्रतिशत है।

कांग्रेस विधायकों का सवाल था कि क्या सरकार पेटोल-डीजल पर वैट कम कर रही है। इस पर वित्तमंत्री मलैया की ओर से संतोषजनक जवाब न मिलने पर कांग्रेसी विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया और वे सदन से बहिर्गमन कर गए।

नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे ने विधानसभा के बाहर संवाददाताओं से कहा, “देश में सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल मध्य प्रदेश में है। वैट सबसे ज्यादा है। दुनिया में पेट्रोल-डीजल के दाम कम हो रहे हैं, मगर राज्य में महंगा है। किसानों को एक तरफ महंगा डीजल लेना पड़ रहा है, वहीं सरकार ने फसलों पर बोनस खत्म कर दिया है। यह किसान विरोधी सरकार है, लिहाजा कांग्रेस ने इसका विरोध करते हुए सदन से बहिर्गमन किया।”

राजय सरकार के मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा, “राज्य में किसान हितैषी सरकार है। यही कारण है कि राज्य में खाद्यान्न का उत्पादन बढ़ा है और राज्य को लगातार तीसरी बार कृषि कर्मण पुरस्कार मिला है। कांग्रेस को तो जवाब प्रदेश की जनता ने दे दिया है।”

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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