Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

मप्र में भाजपा नेताओं पर शाह की हिदायत भी बेअसर!

Published

on

Loading

भोपाल, 3 सितंबर (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह की हिदायत न मानने का साहस किसी नेता में हो, ऐसा देश के अन्य हिस्सों के नेताओं को लग सकता है, मगर मध्यप्रदेश में कई ऐसे नेता हैं, जो अपनी बात बेवाकी से कहने से नहीं हिचक रहे। अब देखिए न, राज्य के कई विधायक और मंत्री ऐसे हैं जो अपने ‘मन की बात’ कहकर अपनी ही सरकार को घेरने में नहीं हिचक रहे।

पार्टी अध्यक्ष शाह अपने देशव्यापी प्रवास के क्रम में तीन दिवसीय दौरे पर बीते माह मध्यप्रदेश आए थे। उन्होंने विभिन्न स्तर के नेताओं, मोर्चो और सरकार के मंत्रियों के साथ कई बैठकें कीं। इन बैठकों में जमीनी स्तर पर पार्टी की मजबूती, कार्यकर्ता को प्रोत्साहन और पं. दीनदयाल उपाध्याय की जन्म शताब्दी के कार्यक्रमों पर जोर दिया। साथ ही बयानबाजी से बचने की हिदायत दी।

शाह ने भोपाल से दिल्ली का रुख क्या किया, यहां के नेता अपने रौब में फिर लौट आए। राज्य के सबसे मुखर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने अपने राज्य में पेट्रोल और डीजल सबसे ज्यादा महंगा होने का जिक्र कर डाला। इसके लिए उन्होंने राज्य के वित्तमंत्री जयंत मलैया को पत्र लिखकर पूछा है कि राज्य में पेट्रोल-डीजल सबसे महंगा क्यों है?

उन्होंने पेट्रोलियम पदार्थो के कारोबारियों को नुकसान और महंगाई बढ़ने के लिए राज्य की कर प्रणाली को जिम्मेदार ठहराया है।

एक तरफ गौर ने कर प्रणाली और मेट्रो परियोजना के विलंब पर सवाल उठाए तो दूसरी ओर भोपाल के हुजूर क्षेत्र के विधायक रामेश्वर शर्मा सड़कों के गड्ढों से लोगों के बढ़ते गुस्से को शांत करने खुद तगाड़ी लेकर गड्ढे भरने आ गए और अपना गुस्सा भी जाहिर किया। विधायक के इस काम पर राज्य के लोक निर्माण मंत्री रामपाल सिंह ने अपने ही अंदाज में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने गड्ढों वाली कुछ सड़कें कांग्रेस काल की याद दिलाने के लिए छोड़ रखी हैं।

विधायक ने सड़क की स्थिति पर सवाल उठाया तो राज्य की मंत्री कुसुम महदेले उससे आगे निकल गईं और उन्होंने बुंदेलखंड की सड़क का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को ट्वीट किया। उसमें कहा गया कि सड़कों की हालत किसी के चलने लायक तक नहीं है, इन्हें जल्दी सुधारा जाए।

महदेले का सड़कों को लेकर किए गए ट्वीट से उठा विवाद अभी थमा ही नहीं था कि उन्होंने रेलमंत्री सुरेश प्रभु को रेवांचल एक्सप्रेस, जो रीवा से हबीबगंज के बीच चलती है, की गंदगी को लेकर ट्वीट कर डाला। इसमें उन्होंने लिखा कि रेवांचल में मिलता है, बदबूदार कंबल और तकिया।

इसके अलावा चिकित्सा शिक्षा मंत्री शरद जैन का स्वाइन फ्लू से होने वाली मौतों को लेकर दिया गया बयान, मौत तो ऊपर वाले के हाथ में है, चर्चाओं में बना हुआ है। वहीं चिकित्सा मंत्री रुस्तम सिंह का बयान दिल्ली, राजस्थान व बाहरी राज्यों से आने वालों के कारण स्वाइन फ्लू बढ़ रहा है। सरकार और संगठन के लिए मुसीबत बने हुए हैं।

कांग्रेस नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का कहना है कि भाजपा अनुशासन की बात करती है, जब शाह आए तो बैठक की बात बाहर न जाने की हिदायत दी, फिर बयानबाजी से बचने को कहा, मगर हकीकत तो जुबां पर आ ही जाती है!

जब सरकार के मंत्री अव्यवस्था का खुलासा करने लगें, तो हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है। वहीं कई मंत्री अब भी मस्त हैं और जनता के जख्मों पर नमक छिड़कने से नहीं चूक रहे हैं। यह ऐसी सरकार है, जिसके एक मंत्री ने बीते वर्षो किसानों की आत्महत्या को पुराने पाप का नतीजा करार दिया था।

वरिष्ठ पत्रकार भारत शर्मा का अभिमत है कि अमित शाह भी इस बात को जानते हैं कि कार्यकर्ताओं में नाराजगी बढ़ रही है, इसीलिए उन्होंने संगठन और निगम मंडलों के पदों को भरने की बात कही थी।

सच्चाई यही है कि कार्यकर्ताओं में नाराजगी है और उनके स्वर मुखर हो रहे हैं। कार्यकर्ता के स्वर में स्वर से मिलाना विधायक व मंत्री मजबूरी है, क्योंकि वे अपने क्षेत्र के मतदाता को यह अहसास कराना चाहते हैं कि वे भी उनके दुख-दर्द से वाकिफ हैं। उसके लिए आवाज भी उठा रहे हैं, भले ही वह उनकी सरकार के ही खिलाफ क्यों न हो।

वर्तमान दौर में भाजपा में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है, पार्टी अध्यक्ष के निर्देश भी नेता और मंत्री दरकिनार किए जा रहे हैं। एक तरफ सत्ता और संगठन से जुड़े लोगों के बयान सिरदर्दी बन रहे हैं, तो दूसरी ओर विभिन्न वर्गो के आंदोलनों से सरकार की छवि पर असर हो रहा है। मगर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ‘राजनीतिक चातुर्य’ से वाकिफ लोग मानते हैं कि वे उस हुनर में माहिर हैं कि किस तरह मतदाताओं का दिल जीता जाता है।

Continue Reading

नेशनल

5.6 मिलियन फॉलोअर्स वाले एजाज खान को मिले महज 155 वोट, नोटा से भी रह गए काफी पीछे

Published

on

Loading

मुंबई। टीवी एक्टर और पूर्व बिग बॉस कंटेस्टेंट एजाज खान इस बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने उतरे थे। हालांकि जो परिणाम आए हैं उसकी उन्होंने सपने में भी उम्मीद नहीं की होगी। एजाज आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के टिकट पर वर्सोवा सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे लेकिन उन्होंने अभी तक केवल 155 वोट ही हासिल किए हैं।

आपको जानकर हैरानी होगी कि नोटा को भी 1298 वोट मिल चुके हैं। इस सीट से शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के हारून खान बढ़त बनाए हुए हैं जिन्हें अबतक करीब 65 हजार वोट मिल चुके हैं।

बता दें कि ये वहीं एजाज खान हैं जिनके सोशल मीडिया पर 5.6 मिलियन फॉलोअर्स हैं। ऐसे में बड़ी ही हैरानी की बात है कि उनके इतने चाहने वाले होने के बावजूद भी  1000 वोट भी हासिल नहीं कर पाए। केवल 155 वोट के साथ उन्हें करारा झटका लगा है।

Continue Reading

Trending