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प्रादेशिक

मप्र : युवती को ट्रेन से गिराने वाले 6 गिरफ्तार

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भोपाल| मालवा एक्सप्रेस से दिल्ली से उज्जैन जा रही युवती रति त्रिपाठी को बदमाशों ने चलती ट्रेन से गिरा दिया था। रेलवे पुलिस ने इस मामले में छह बदमाशों को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपी उत्तर प्रदेश के ललितपुर के निवासी बताए गए हैं। बदमाशों के पास से रति का मोबाइल फोन भी बरामद किया गया है। बदमाशों की गिरफ्तारी का ब्योरा देते हुए विशेष पुलिस महानिदेशक (रेलवे) एम.एस. गुप्ता ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया कि 19 नवंबर की रात मालवा एक्सप्रेस में यात्रा कर रही रति से इन बदमाशों का पर्स लूटने की कोशिश की थी। रति के विरोध व एक बदमाश के बाल पकड़ लेने के बाद हुई झूमाझपटी में वह बीना स्टेशन के पास करौंद में चलती ट्रेन से गिर गई थी।

रति को गंभीर हालत में उपचार के लिए भोपाल लाया गया। उसका इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा है। उसकी हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।गुप्ता ने बताया कि पकड़े गए बदमाश आदतन गाड़ियों में लूटपाट करते रहे हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश की पुलिस और रेलवे की शाखा की मदद से इन आरोपियों को पकड़ने में सफलता पाई है। इस गिरोह में छह सदस्य हैं, जो यात्रा कर रही अकेली युवतियों को अपना निशाना बनाते थे। उसी क्रम में उन्होंने रति को अपना निशाना बनाया।19 नवंबर की रात दिल्ली के एक कोचिंग संस्थान में काउंसलर का काम करने वाली कानपुर निवासी रितु त्रिपाठी मालवा एक्सप्रेस से उज्जैन बाबा महाकाल के दर्शन करने जा रही थी, तभी वह बदमाशों का शिकार बनी।

गुप्ता ने बताया कि ललितपुर स्टेशन पर चढ़े बदमाशों में से दो ने रति के सामने वाली बर्थ ले ली। वहीं अन्य साथी दूसरे डिब्बों में चले गए। ये बदमाश आम तौर पर अलग-अलग डिब्बों में ही चढ़ा करते थे। रति सो रही थी, तभी एक बदमाश चंदन ने उसके सिर के नीचे रखा पर्स खींचा तो उसकी नींद खुल गई।रति ने चंदन का पीछा किया और उसके बाल पकड़ लिए और जब चंदन सिंह चाहकर भी बाल नहीं छुड़ा पाया तो उसके साथी देवी सिंह ने रति को दांतों से काटा। इस झूमाझपटी में रति ट्रेन से नीचे गिर गई।गुप्ता ने बताया कि पकड़े गए बदमाशों में से तीन का आपराधिक रिकार्ड है। इन बदमाशों को ललितपुर से बीना के बीच के रेलवे ट्रैक की बारीक जानकारी रहती थी, क्योंकि उनके गिरोह में रेलवे कर्मचारी चंदन भी शामिल था। उन्हें इस बात का पता रहता था कि कहां गाड़ी की रफ्तार तेज और धीमी हेागी, उसी के मुताबिक वे वारदात को अंजाम देते थे।

इनके गिरोह में एक बुजुर्ग गुलाबी थैला लेकर चलता था, जिसमें लूट के सामान को डाल दिया जाता था, ताकि उस पर कोई शक न कर सके।रेलवे पुलिस ने लगभग डेढ़ माह की मशक्कत के बाद चलती ट्रेनों में लूटपाट करने वाले गिरोह को पकड़ने में सफलता हासिल की है। इन लुटेरों के पास से रति का मोबाइल फोन मिल गया है।पुलिस को आरोपियों से पूछताछ में कई और वारदातों के खुलासे की उम्मीद है। वहीं पुलिस रति के पूरी तरह होश में आने का इंतजार कर रही है, ताकि वह हकीकत बता सके।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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