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बिजनेस

मलेशिया बंद करेगा शुल्कमुक्त पाम तेल निर्यात, आयात होगा महंगा

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नई दिल्ली, 23 मार्च (आईएएनएस)| भारत में पाम तेल का आयात अगले महीने से और महंगा होने जा रहा है क्योंकि मलेशिया सात अप्रैल से शुल्कमुक्त निर्यात की व्यवस्था समाप्त करने जा रहा है।

इसके बाद मलेशिया में कच्चे पाम तेल यानी क्रूड पाम ऑयल (सीपीओ) के निर्यात पर पांच फीसदी शुल्क देना होगा, जिससे पाम तेल का आयात महंगा हो सकता है। ऑनलाइन पोर्टल एमपीओसी के मुताबिक, मलेशिया के वाणिकी उद्योग और कमोडिटी (प्लांटेशन इंडस्ट्रीज एंड कमोडिटीज) मंत्री दातुक सेरी माह सीयू ने क्वालालंपुर में संवाददाताओं से बातचीत में फिर अपनी बात दोहराई है कि कच्चे पाम तेल का निशुल्क निर्यात सात अप्रैल के बाद जारी रखने की सरकार की कोई योजना नहीं है।

उन्होंने कहा कि सरकार इस बात का मूल्यांकन करेगी कि सीपीओ के शुल्कमुक्त निर्यात की व्यवस्था समाप्त करने से देश के निर्यात पर क्या फर्क पड़ता है।

उन्होंने कहा कि ट्रांस पैसिफिक पार्टनरशिप के व्यापक व प्रगतिशील करार से मेक्सिको, पेरू और कनाडा में पाम तेल का बाजार बढ़ाने में मदद मिलेगी।

गौरतलब है कि इंडोनेशिया के बाद मलेशिया दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा पाम तेल उत्पादक व निर्यातक है और भारत विश्व में सबसे ज्यादा पाम तेल का आयात करता है। ऐसे में मलेशिया द्वारा निर्यात शुल्क लगाए जाने से भारत का तेल आयात और महंगा हो जाएगा।

इससे पहले, एक मार्च को भारत सरकार ने क्रूड पाम तेल पर आयात शुल्क 30 फीसदी से बढ़ाकर 44 फीसदी और रिफाइंड पाम तेल पर 40 फीसदी से बढ़ाकर 54 फीसदी कर दिया, जिससे पाम तेल का आयात पहले ही महंगा हो गया है।

खाद्य तेल उद्योग संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने जनवरी 2018 में 10.96 लाख टन कच्चे पाम तेल का आयात किया था जबकि इस महीने 1.5 लाख टन से ज्यादा रिफाइंड पाम तेल का अयात हुआ था। भारत ने इस साल जनवरी में कुल 12.46 लाख टन पाम तेल का आयात किया।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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