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‘महाबोधि मंदिर का नियंत्रण बौद्धों को सौंपने का आग्रह करें दलाई लामा’
पटना, 5 जनवरी (आईएएनएस)| महाबोधि मंदिर को बौद्धों के नियंत्रण में सौंपे जाने की मुहिम चला रहे एक बौद्ध भिक्षु ने तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा से आग्रह किया है कि वह इस मांग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने रखें। भंते आनंद ने शुक्रवार को फोन पर आईएएनएस से कहा, दलाई लामा को इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए और बोध गया में महाबोधि मंदिर का नियंत्रण बौद्धों को सौंपने की मांग करनी चाहिए..उन्होंने इस उचित मांग को अभी तक नहीं उठाकर निराश किया है।
आनंद ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दलाई लामा ने खुद को एक से अधिक बार बेपर्दा किया है कि उनके लिए मंदिर पर बौद्धों का नियंत्रण कोई मायने नहीं रखता। वह दशकों से अपनी राजनीति कर रहे हैं। वह अपने एजेंडे में व्यस्त हैं..।
आनंद बौद्ध धर्म के जन्मस्थल माने जाने वाले महाबोधि मंदिर को हिंदू नियंत्रण से मुक्त कराना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, बोध गया मंदिर पर हिंदुओं का नियंत्रण क्यों होना चाहिए? यह दुनिया में अकेला ऐसा पवित्र स्थान है जहां एक धर्म का सर्वाधिक पवित्र तीर्थ एक दूसरे धर्म के लोगों के हाथ में है।
ऐसी मान्यता है कि जहां मंदिर है, वहीं पर भगवान गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
आनंद ने कहा कि बिहार सरकार को महाबोधि मंदिर प्रबंधन कानून 1949 में संशोधन करना चाहिए।
मंदिर का प्रबंधन बिहार सरकार की तरफ से एक नौ सदस्यीय समिति करती है जिसके मुखिया जिलाधिकारी होते हैं।
राज्य सरकार के मंदिर प्रबंधन कानून के मुताबिक, केवल एक हिंदू ही प्रबंध समिति का प्रमुख हो सकता है।
समिति में बौद्ध व हिंदू समुदाय के चार-चार प्रतिनिधि तीन साल के कार्यकाल के लिए नियुक्त होते हैं। गया के जिलाधिकारी इसके पदेन चेयरमैन होते हैं और शंकराचार्य मठ के महंत पदेन हिंदू सदस्य होते हैं।
जिलाधिकारी के गैर हिंदू होने की स्थिति में राज्य सरकार किसी हिंदू को नामित करती है।
महाबोधि मंदिर को यूनेस्को ने 2002 में विश्व धरोहर घोषित किया था। हर साल यहां हजारों पर्यटक आते हैं जिनमें अधिकांश बौद्ध होते हैं।
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5.6 मिलियन फॉलोअर्स वाले एजाज खान को मिले महज 155 वोट, नोटा से भी रह गए काफी पीछे
मुंबई। टीवी एक्टर और पूर्व बिग बॉस कंटेस्टेंट एजाज खान इस बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने उतरे थे। हालांकि जो परिणाम आए हैं उसकी उन्होंने सपने में भी उम्मीद नहीं की होगी। एजाज आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के टिकट पर वर्सोवा सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे लेकिन उन्होंने अभी तक केवल 155 वोट ही हासिल किए हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि नोटा को भी 1298 वोट मिल चुके हैं। इस सीट से शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के हारून खान बढ़त बनाए हुए हैं जिन्हें अबतक करीब 65 हजार वोट मिल चुके हैं।
बता दें कि ये वहीं एजाज खान हैं जिनके सोशल मीडिया पर 5.6 मिलियन फॉलोअर्स हैं। ऐसे में बड़ी ही हैरानी की बात है कि उनके इतने चाहने वाले होने के बावजूद भी 1000 वोट भी हासिल नहीं कर पाए। केवल 155 वोट के साथ उन्हें करारा झटका लगा है।
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