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प्रादेशिक

मां की पेंशन पर थी बेटे की लालची निगाह, पाने के लिए की ऐसी घिनौनी हरकत…

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भदोही। उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में बुजुर्ग मां की पेंशन को हथियाने के लिए बड़े भाई ने ही अपने छोटे भाई को मारपीट कर मौत के घाट उतार दिया।

हत्या के कारणों का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि पेंशनर मां अपने छोटे बेटे के साथ रहती थी जिससे उसका बड़ा भाई बराबर नाराज रहता था। यह घटना लगभग दस माह पूर्व औराई थाना क्षेत्र के कुरौना में हुई थी जिसमें युवक की हत्या के बाद उसका शव खेत में फेंक दिया गया था। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

गौरतलब हो कि 23 जनवरी 2017 को औराई थाना क्षेत्र के कुरौना में शर्मिल दुबे का शव खेत में मिला था। उसके शरीर पर कई जगह चोट के निशान पाए गए थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया और जांच में जुट गई। पुलिस का दावा है कि जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया कि मृतक शर्मिल के पिता शिक्षक थे और रिटायर होने के बाद जब उनकी मौत हो गई तो उनकी पत्नी को पेंशन मिलने लगी।

मां अपने छोटे बेटे-बहु के साथ उसके परिवार में रहती थी जिससे शर्मिल का बड़ा भाई हौसिला दुबे आक्रोशित रहता था। वह चाहता था कि मां का पेंशन किसी तरह उसके हाथ लग जाया करे। 2014 में भी बड़े भाई द्वारा शर्मिल को पेंशन की बात को लेकर बुरी तरह मारा पीटा गया था। इसके बाद भी जब उसे कुछ हासिल नहीं हुआ तो हौसिला ने अपने बेटे धीरज दुबे और रिश्तेदार सन्तोष पांडेय के साथ मिलकर शर्मिल को बुरी तरह मार पीटकर मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

 

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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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