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माकपा ने ईवीएम पर निर्वाचन आयोग व पार्टियों के बीच चर्चा की मांग की

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नई दिल्ली, 4 जून (आईएएनएस)| निर्वाचन आयोग (ईसी) द्वारा शनिवार को आयोजित ईवीएम हैकॉथन को ‘बेहद प्रतिबंधात्मक’ करार देते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने रविवार को ईवीएम के डिजाइन विकल्पों के चुनाव पर विभिन्न राजनीतिक दलों और निर्वाचन आयोग के बीच नियमित चर्चा का आह्वान किया है।

पार्टी ने यह भी कहा कि इस तरह की चुनौतियां और इनकी जवाबी चुनौती देश में चुनाव प्रक्रिया में विश्वास निर्माण के लिए अनुकूल नहीं है।

माकपा ने अपने एक बयान में कहा, यदि ईसी राजनीतिक दलों के ईवीएम में विश्वास को बढ़ाने के लिए कार्य कर रहा था तो यह बहुत ही प्रतिबंधिकारी था।

इसमें कहा गया, यह चुनौती, जवाबी चुनौती व हैकॉथन, यह कुछ पार्टियों व ईसी द्वारा किया जा रहा है। इससे एक प्रतिकूल माहौल बन रहा है जो चुनाव प्रक्रिया में विश्वास को नहीं बढ़ा रहा है।

माकपा ने कहा, हम ईसी के तर्क को स्वीकार कर सकते हैं कि ईवीएम का हार्डवेयर बदला नहीं जाना चाहिए, क्योंकि यह इसे एक दूसरी मशीन बना देगा। लेकिन हम इस बात की प्रशंसा नहीं कर सकते कि ईवीएम का भौतिक परीक्षण क्यों नहीं किया जाना चाहिए। साथ ही इससे जुड़े उपकरणों व इससे संबद्ध दूसरी सभी इकाइयों की बेहतर समझ को क्यों नहीं शामिल किया जाना चाहिए।

ईवीएम चुनौती के दौरान माकपा का एक तकनीकी दल ईवीएम के मदरबोर्ड के हार्डवेयर की जांच करना चाहता था, जिससे ईवीएम को हैक करने की संभावना व क्षमता को समझा जा सके।

इसमें कहा गया, ईसी ने इस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। इस तरह की प्रतिबंधिकारी शर्तो के चलते हम ईवीएम का स्वतंत्र तौर पर आंकलन करने में अक्षम रहे और इसलिए तकनीकी सुधार और दूसरे सुरक्षा उपायों का सुझाव दिया गया।

माकपा ने निर्वाचन आयोग के साथ प्रौद्योगिकी पर विस्तृत चर्चा की, जिसमें ईवीएम से जुड़ी चिंताओं का समाधान बताया गया।

पार्टी ने कहा, माकपा का मानना है कि ईसी व राजनीतिक दलों व दूसरे हितधारकों के बीच तकनीकी पर नियमित तौर पर चर्चा होनी चाहिए। इसमें मौजूदा और भविष्य के ईवीएम डिजाइन के विकल्प भी शामिल होने चाहिए।

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नेशनल

महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे ने दिया इस्तीफा, क्या फडणवीस के सिर सजेगा ताज ?

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मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राज्यपाल राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को अपना इस्तीफा सौंपा है। इस दौरान डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार भी मौजूद थे। विधानसभा का कार्यकाल आज यानी 26 नवंबर तक ही है। नए मुख्यमंत्री की शपथ की तारीख तय नहीं है। तब तक शिंदे कार्यवाहक सीएम रहेंगे।

इस बीच महाराष्ट्र में अगली सरकार के गठन की रूपरेखा लेकर चर्चा तेज हो गई है। खबर है कि गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर सकते हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले ‘महायुति’ गठबंधन ने 288 सदस्यीय विधानसभा में 235 सीट हासिल की हैं। जिसमें बाजेपी अकेली 135 सीटों पर कब्जा कर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

बीजेपी की महाराष्ट्र में ये अब तक की सबसे बड़ी जीत है। शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57 सीट पर जीत हासिल की और अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने 41 सीट पर जीत दर्ज की है। मौजूदा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सीएम की रेस में सबसे आगे चल रहे है।

 

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