Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

मुंबई में ‘पाग पुरुष पुरस्कार’ से नवाजे जाएंगे डॉ़ बीरबल झा

Published

on

Loading

पटना, 2 सितंबर (आईएएनएस)| बिहार में सामाजिक और सांस्कृतिक विकास के लिए कार्य करने वाली गैर सरकारी संस्था मिथिलालोक फांउडेशन के चेयरमैन और बिटिश लिंग्वा के प्रबंध निदेशक डॉ़ बीरबल झा को सांस्कृतिक एवं सामाजिक कार्यो में अहम योगदान के लिए ‘पाग पुरुष पुरस्कार’ से सम्मानित किया जाएगा। डॉ़ झा को यह सम्मान मुंबई में 16 सितंबर को डी़ जी़ खेतान इंटरनेशनल ऑडिटोरियम में मैथिली पत्रिका ‘मिथिला दर्पण’ की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में दिया जाएगा।

कार्यक्रम के संयोजक संजय झा ने फोन पर आईएएनएस को बताया कि यह पुरस्कार डॉ़ झा को मिथिला के विकास एवं पाग को राष्ट्रीय-अंर्तराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि मिथिला की सांस्कृतिक पहचान ‘पाग’ को लोग लगभग भूल गए थे, लेकिन डॉ. झा के प्रयासों के कारण आज मिथिला सहित देश में एक बार फिर से मिथिला की संस्कृति के प्रतीक पाग की चर्चा फिर होने लगी है। हाल ही में केंद्र सरकार ने पाग पर डाक टिकट जारी कर मिथिला के सांस्कृतिक प्रतीक पर अपनी मुहर लगाई है और इस पर देश-विदेश में फैले मिथिलावासी गर्व कर रहे हैं।

पुरस्कार की घोषणा से प्रसन्न डॉ़ झा ने आईएएनएस से कहा कि यह सम्मान केवल उनका नहीं, बल्कि प्रत्येक मिथिलावासी का है। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार केवल उनका नहीं, बल्कि सभी मिथिलावासियों की मेहनत और अपनी सांस्कृतिक पहचान को पुनर्जीवित करने के प्रयास का फल है। उन्होंने कहा कि पुरस्कार पाने के बाद जवाबदेही और भी बढ़ जाती है।

डॉ. झा का मिथिलालोक फाउंडेशन विगत कुछ वर्षो से ‘पाग बचाउ अभियान’ देशभर में चला रहा है। इस अभियान से अब तक लगभग एक करोड़ से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं।

डॉ. बीरबल झा का जन्म मधुबनी के एक सुदूर गांव में 22 जनवरी 1972 को एक अत्यंत गरीब परिवार में हुआ था। बीरबल जब एक साल के ही थे, तभी उनके पिता का देहांत हो गया था। उनकी मां जयपुरा देवी ने खेतों में काम कर अपने बच्चों को पाला। डॉ. झा को उनके बचपन ने ही मुसीबतों से लड़ना सिखा दिया। उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव की सरकारी स्कूल से हुई। इसके बाद वह आगे की पढ़ाई करने के लिए पटना आ गए। उन्होंने किसी काम को छोटा नहीं समझा।

आगे चलकर उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में पीएचडी की उपाधि ली। उन्होंने देश में अंग्रेजी प्रशिक्षण संस्थान ब्रिटिश लिंग्वा के माध्यम से अपनी एक अलग पहचान बनाई।

डॉ. झा का कहना है, शिक्षा ही एक ऐसा हथियार है, जो हमें मानव जीवन संग्राम में सफल बनाती है। वक्त का तकाजा है कि शिक्षा वैल्यू एडेड होनी चाहिए।

डॉ. झा ने बिहार सरकार के साथ मिलकर 30 हजार से ज्यादा महादलित को स्पोकेन इंग्लिश स्किल का प्रशिक्षण देकर उनकी जिंदगी संवारने का काम किया है। उन्होंने अंग्रेजी एवं व्यक्तित्व विकास पर दर्जनों किताब लिखी हैं।

Continue Reading

नेशनल

महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे ने दिया इस्तीफा, क्या फडणवीस के सिर सजेगा ताज ?

Published

on

Loading

मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राज्यपाल राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को अपना इस्तीफा सौंपा है। इस दौरान डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार भी मौजूद थे। विधानसभा का कार्यकाल आज यानी 26 नवंबर तक ही है। नए मुख्यमंत्री की शपथ की तारीख तय नहीं है। तब तक शिंदे कार्यवाहक सीएम रहेंगे।

इस बीच महाराष्ट्र में अगली सरकार के गठन की रूपरेखा लेकर चर्चा तेज हो गई है। खबर है कि गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर सकते हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले ‘महायुति’ गठबंधन ने 288 सदस्यीय विधानसभा में 235 सीट हासिल की हैं। जिसमें बाजेपी अकेली 135 सीटों पर कब्जा कर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

बीजेपी की महाराष्ट्र में ये अब तक की सबसे बड़ी जीत है। शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57 सीट पर जीत हासिल की और अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने 41 सीट पर जीत दर्ज की है। मौजूदा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सीएम की रेस में सबसे आगे चल रहे है।

 

Continue Reading

Trending