Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

मोदीनगर में सो रही महिला की चोटी कटी, फरेंसिक टीम ने जुटाए सैंपल

Published

on

मोदीनगर, दहशत,फरेंसिक,चोटी कटी, पति

Loading

दहशत के कारण पीड़ित महिला को मायके छोड़ आया पति

मोदीनगर। मोदीनगर में शुक्रवार रात को एक और महिला की चोटी कटने का मामला सामने आने से महिलाओं और युवतियों में दशहत मच गई।

गोविंदपुरी क्षेत्र में कुछ घंटों के भीतर महिला की चोटी कटने की यह दूसरी घटना है। डबल स्टोरी इलाके में साईं मंदिर के पास रहने वाले व्यक्ति ने बताया कि शुक्रवार रात में वह अपनी पत्नी और बच्चों संग सो
रहा था।

रात करीब दो बजे उसकी पत्नी चिल्ला कर उठी और उसको लगा कि उसे कोई पुकार रहा है। इस पर उन्होंने घर के बाहर देखा तो वहां कोई नहीं था।

कुछ घंटों के बाद पत्नी को उल्टी लगने लगी और चक्कर आने लगे। इसके बाद जब वह स्नान के बाद कमरे से निकली तो उसके बाल कटे हुए थे। उन्होंने बताया कि जो बाल कटे थे वह घर के बाहर रखे थे। घटना का पता चलते ही घर पर आसपास लोगों की भीड़ लग गई।

भीड़ देखकर उसकी पत्नी को और घबराहट होने लगी। इसके बाद वह अपनी पत्नी को लेकर उसके मायके मेरठ चले गए। शनिवार को गाजियाबाद से फ़रेंसिक टीम मोदीनगर पहुंची और छात्रा के निवास सुचेतापुरी और डबल स्टोरी इलाके में पहुंचकर कटे हुए बाल के सैंपल लिए।

मुरादनगर में नहीं थम रहा चोटी कटने का क्रम

मुरादनगर। शहर में चोटी कटने का सिलसिला जारी है। शनिवार को एक महिला के सिर में दर्द होने के बाद मालूम चला कि उसकी चोटी कट गई है।

वहीं, पुलिस ऐसी किसी वारदात पर यकीन नहीं कर रही है। उसका कहना है कि कुछ लोगों की ओर से अफवाह फैलाई जा रही है।

शहर की कच्ची सराय कॉलोनी में महिला चारपाई पर सोते वक्‍त हड़बड़ाकर उठ गई। जैसे ही वह चारपाई से उठी तो उसकी चोटी नीचे गिर गई।

यह देख महिला दहशत में आ गई। परिवारीजनों ने डॉक्टर को बुलाया और उसे इंजेक्शन लगवाया। इससे पहले शुक्रवार शाम को रावली रोड स्थित इंदिरापुरी कॉलोनी में किशोरी और एक महिला की चोटी भी कट गई थी।

शहर के लोगों का कहना है कि महिलाओं की चोटी कटने के पीछे कोई ऊपरी साया या फिर तांत्रिक विद्या है क्योंकि चोटी कटते ही उनकी तबीयत खराब हो जाती है। उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ता है। एसओ रणवीर सिंह यादव ने सोशल मीडिया पर भी लोगों से अपील की है कि वे ऐसी किसी भी अफवाह से बचें।

 

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

Published

on

Loading

लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

Continue Reading

Trending