बिजनेस
मोबाइल फोन पर सीमा शुल्क बढ़कर 20 फीसदी
नई दिल्ली, 1 फरवरी (आईएएनएस)| घरेलू स्मार्टफोन निर्माताओं की मदद के लिए केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को मोबाइल फोन पर सीमा शुल्क 15 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया।
यह एक ऐसा कदम है, जो विदेशी कंपनियों को उपभोक्ताओं पर मंहगाई का बोझ लादने के लिए मजबूर कर देगा। जेटली ने आम बजट पेश करने के दौरान कहा, मोबाइल फोन के पुर्जो के आयात पर सीमा शुल्क मौजूदा 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे भारत के स्मार्टफोन क्षेत्र में नौकरियों में वृद्धि होगी।
दिसंबर में सरकार ने मोबाइल फोन सहित विभिन्न उत्पादों पर सीमा शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया था। एक महीना बाद बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है।
डेलॉइट इंडिया के साझीदार एमएस मणि ने एक बयान में कहा, हालांकि मोबाइल फोन जैसे कुछ उत्पादों पर सीमा शुल्क बढ़ाने के पीछे का इरादा घरेलू निर्माण को प्रोत्साहित करना है, इसके चलते उत्पादों के दाम बढ़ने से मध्यवर्गीय उपभक्ताओं की जेब पर असर पड़ेगा।
इधर, घरेलू स्मार्टफोन निर्माताओं ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है।
लावा इंटरनेशनल के मुख्य विनिर्माण अधिकारी संजीव अग्रवाल ने कहा, हम मोबाइल फोन पर सीमा शुल्क बढ़ाने की घोषणा का स्वागत करते हैं। इससे मोबाइल फोन के निर्माण के क्षेत्र में भारत को वैश्विक बाजार बनने में मदद मिलेगी। स्थानीय विनिर्माण से ज्यादा नौकरियां पैदा होंगी, युवाओं को लाभ मिलेगा और अर्थव्यवस्था के समग्र विकास की दिशा में योगदान मिलेगा।
इंटेक्स टेक्नोलॉजीज के निदेशक व मुख्य वित्तीय अधिकारी राजीव जैन ने कहा कि यह कदम स्थानीयकरण और घरेलू बाजार की स्थापना को महत्वपूर्ण बढ़ावा देने वाला साबित होगा।
उन्होंने कहा, यह इंटेक्स जैसे घरेलू खिलाड़ियों के लिए बहुत बड़ा कदम है, जो इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण क्षेत्र में लंबे समय से घरेलू क्षमताओं का विकास कर रहा है।
हालांकि, चीनी स्मार्टफोन कंपनियों ने सरकार के इस कदम की आलोचना की है।
कूलपैड इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सैयद ताजुद्दीन ने कहा, सीमा शुल्क में वृद्धि से फोन की लागत निश्चित रूप से ग्राहकों को रोकेगी। खासकर तब, जब बात स्मार्टफोन के उपकरणों की मरम्मत की आती है।
उन्होंने कहा कि सीमा शुल्क में वृद्धि के चलते कंपनियों को भारत में निर्माण करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, जबकि अतिरिक्त पुर्जो के निर्माण के लिए स्थानीय पारिस्थितिक तंत्र अनुकूल नहीं है।
आईडीसी इंडिया के सीनियर रिसर्च मैनेजर नवकेंदर सिंह ने आईएएनएस से कहा कि यह कदम मोबाइल क्षेत्र के लगभग सारे खिलाड़ियों (कंपनियों) को भारत में मोबाइल फोन के निर्माण के लिए मजबूर करेगा। एप्पल के नजरिए से निकट समय में निश्चित रूप से इसका असर देखने को मिलेगा। भारत आयात होने वाली इसकी कंपनी के मोबाइल फोन के दामों में वृद्धि भी होने की संभावना है।
दिसंबर में सरकार ने मोबाइल फोन सहित विभिन्न उत्पादों पर सीमा शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया था।
सरकार द्वारा सीमा शुल्क बढ़ाने के बाद सभी आई-फोन मॉडल्स की कीमत बढ़ाने वाली एप्पल पहली कंपनी थी।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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