अन्तर्राष्ट्रीय
मोसुल पहुंचे इराकी प्रधानमंत्री, आईएस पर विजय की घोषणा
मोसुल, 9 जुलाई (आईएएनएस)| इराक के प्रधानमंत्री हैदर अल-आब्दी रविवार को आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के चंगुल से आजाद कर लिए गए मोसुल पहुंचे और सश सेनाओं को 266 दिनों तक चले भीषण संघर्ष में मोसुल पर तीन साल से कब्जा जमाए आईएस पर विजय हासिल करने की बधाई दी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, मोसुल में आईएस पर इस ऐतिहासिक जीत की खुशी में इराकी सैनिकों और स्थानीय नागरिकों ने सड़कों पर उतरकर जश्न मनाया।
इराक की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में आईएस के चंगुल से मोसुल की आजादी को ऐतिहासिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है, हालांकि इराक के सामने अभी पुनर्निर्माण और पुनर्गठन की गंभीर चुनौती है।
इराक के उत्तर में स्थित निन्वेह प्रांत की राजधानी और इराक के दूसरे सबसे बड़े शहर मोसुल को आईएस ने अपनी राजधानी घोषित कर रखा था।
मोसुल में ही आईएस के शीर्ष नेता अबु बकर-अल-बगदादी ने 2014 में इराक और सीरिया में आईएस खलीफा की घोषणा की थी।
मोसुल में स्थानीय नागरिकों ने कहा कि मोसुल की आजादी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में महान जीत है और इसने आतंकवादी संगठनों की कमर तोड़ दी है और इराक में स्वघोषित इस्लामिक स्टेट को ध्वस्त कर दिया है।
अन्तर्राष्ट्रीय
पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।
इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।
जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।
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