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मनोरंजन

युवा लेखकों/लेखिकाओं की संरक्षक बनना चाहूंगी : गजरा कोटारी

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बेंगलुरू, 14 अगस्त (आईएएनएस)| प्रसिद्ध टेलीविजन धरावाहिकों – ‘बालिका वधू’, ‘अस्तित्व – एक प्रेम कहानी’, ‘ज्योति और बुद्धा’ की लेखिका गजरा कोटारी जो कई पुरस्कारों से सम्मानित हैं, उनका कहना है कि अपने दो दशक से लंबे लेखन के कैरियर में वे उस मुकाम पर पहुंच चुकी हैं, जहां वे युवा लेखकों/लेखिकाओं का संरक्षक बनना चाहेंगी।

कोटारी ने आईएएनएस को ईमेल से दिए गए साक्षात्कार में बताया, मैं करीब 20 वर्षो से दिन-रात एपिसोड लिख रही हूं। मैंने जो अनुभव हासिल किया है, उसका मैं सदुपयोग करना चाहती हूं। मैं समझती हूं कि मैं युवा लेखकों/लेखिकाओं की संरक्षक बन सकती हूं। हाल ही में मैंने ऐसा करना शुरू किया है और अब मैं कम लिखना चाहती हूं, ताकि मेरी सृजनात्कमा में ताजगी बनी रहे।

उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत पत्रकार के तौर पर की थी और बाद में लेखिका बन गई। उन्होंने महेश भट्ट को अपनी एक किताब भेंट में दी थी, जिसके बाद गजरा कोटारी का कैरियर चल पड़ा। उन्होंने कई छोटी कहानियां और उपन्यास लिखे हैं। हाल ही में उनकी किताब ‘गर्ल्स डोंट क्राई’ आई है।

कोटारी याद करते हुए कहती हैं, मेरी छोटी कहानियों का पहला संग्रह ‘फ्रेजाइल विक्ट्रीज’ थी, जो 1996 में प्रकाशित हुई थी। मैंने अपनी किताब की एक कॉपी महेश भट्ट को भेंट की थी। उनकी पत्नी सोनी राजदान ने उस किताब को पढ़ा था। वे टीवी प्रोडक्शन के क्षेत्र में जाना चाहती थी और धारावाहिक बनाने के लिए किसी अच्छी कहानी की तलाश में थी। हम मिले और उन्होंने मुझे टेलीविजन की दुनिया में ब्रेक दिया और मेरा पहला टीवी सीरीयल ‘हमारे तुम्हारे’ था, जिसकी मैंने कहानी और पटकथा लिखी थी।

गजरा की किताबों में द लास्ट लाफ (2003), ब्रोकेन मेलोडिज (2011) और वंस अपॉन ए स्टार (2014) शामिल है। उनकी टेलीविजन के लिए पटकथा लेखन ने उन्हें कई पुरस्कार दिलाए हैं, जिसमें इंडियन टेलीविजन एकेडमी पुरस्कार, आरएपीए पुरस्कार, इंडियन टैली पुरस्कार और ग्लोबल इंडियन टेलीविजन बेस्ट राइटर पुरस्कार शामिल हैं।

तो उन्होंने एक साथ इतना सारा लेखन कैसे किया?

वे कहती हैं, मैंने थोड़े दिनों के लिए एक पत्रकार के रूप में काम किया था, लेकिन मां बनने के बाद मैंने पूरी तरह मातृत्व का आनंद उठाने के लिए अपने काम से ब्रेक ले लिया। जब जीवन थोड़ा स्थिर हुआ तो मैंने पाया कि मुझे दूसरों की लिखी कहानियां पढ़ने की बजाय खुद कहानी लिखना ज्यादा पसंद है! इसी के बाद मेरी लघु कहानियों की पहली किताब सामने आई। जब दोपहर में मेरी बेटी मेरे गोद में सो जाती थी, तो मैं लिखती थी। वह बिस्तर पर सोने की बजाए दोपहर में मेरी गोद में सोना पसंद करती थी।

उन्होंने कहा, कभी-कभी मुझे लगता है कि मैं शायद उसी के कारण इतनी ज्यादा कहानियां लिख पाई। मैं क्लिपबोर्ड पर सादे कागज लगाकर बड़ी सावधानी से लिखा करती थी, ताकि उस दौरान वह जाग ना जाए।

गजरा कहती हैं कि टेलीविजन बैठकों और नरेशन के बीच औसतन वह रोजाना कम से कम 2-3 घंटे लिखती हैं। उनका कहना है कि दिन के अंत में उन्हें अपने परिवार के साथ वक्त बिताना पसंद है और वे टीवी सीरियलों का रिकॉर्डेड एपिसोड देखती हैं।

उन्होंने बताया, जब भी उनके मन में कोई सृजनात्मक बात आती है तो झट से उसका नोट बना कर रख लेतीं है और बाद में उसे विस्तार से लिखती हैं।

लेखन में उनका आगे क्या इरादा है?

गजरा इस प्रश्न के जवाब में कहती हैं, कुछ प्रमुख चैनलों पर कुछ शो आनेवाले हैं, जिनके लिए मैं लिख रही हूं और मैंने कम से कम तीन उपन्यास लिखने की योजना बनाई है, जिनके लिए मैं काफी उत्साहित हूं।

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उत्तर प्रदेश

योगी को यूपी का साथ, 9 में जीतीं सीटें सात

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लखनऊ |  योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने उपचुनाव में बड़ी जीत हासिल की। उत्तर प्रदेश की जनता ने एक बार फिर बता दिया कि उन्हें योगी आदित्यनाथ का ही साथ पसंद है। प्रदेश में 9 सीटों पर हुए उपचुनाव में सात पर एनडीए ने जीत दर्ज की। इसमें से छह पर भारतीय जनता पार्टी और एक सीट पर एनडीए गठबंधन (रालोद) ने जीत हासिल की। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी के हिस्से की कुंदरकी व कटेहरी सीट भी जीत ली। इन दोनों सीटों पर नया इतिहास लिखा गया।

पांच दिन में योगी आदित्यनाथ ने किए थे 15 चुनावी कार्यक्रम

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय जनता पार्टी व रालोद प्रत्याशी के पक्ष में पांच दिन में 15 चुनावी कार्यक्रम किए। सीएम योगी ने फूलपुर, मझवा, खैर व कटेहरी में दो-दो रैली की। गाजियाबाद में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक रैली व एक रोड शो कर कमल को फिर से खिलाने की अपील की, जिस पर जनता ने मुहर लगाया। वहीं कुंदरकी व मीरापुर में भी सीएम की रैली हुई। इसका असर यह हुआ कि कुंदरकी में भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की।

कटेहरी में तीन दशक बाद कमल का कमाल, 34514 वोट से दर्ज की जीत

कटेहरी में लगभग तीन दशक से अधिक समय से इस सीट पर भाजपा को जीत नहीं मिल पा रही थी, लेकिन इस बार उपचुनाव में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कटेहरी में भी कमल ने कमाल कर दिखाया। भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी धर्मराज निषाद ने तीन दशक बाद यहां कमल खिलाया। धर्मराज निषाद ने न सिर्फ सपा से यह सीट छीनी, बल्कि सपा प्रत्याशी शोभावती वर्मा को 34514 के बड़े अंतर से हराया।

कुंदरकी में भी खिला कमल, योगी को मिला जनता का साथ

2022 विधानसभा चुनाव में कुंदरकी में समाजवादी पार्टी ने जीत हासिल की थी। इस सीट पर भी विधायक के सांसद चुने जाने के कारण यहां उपचुनाव हुआ। इस सीट पर भी काफी समय से समाजवादी पार्टी का कब्जा था, लेकिन 2024 में हुए उपचुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह सीट भाजपा के खाते में गई। योगी के आह्वान पर जनता ने यहां से सपा को चारों खाने चित कर दिया। यहां के भाजपा उम्मीदवार रामवीर सिंह ठाकुर ने सपा के मो. रिजवान को काफी बड़े अंतर से पराजित किया।

मझवा, फूलपुर, गाजियाबाद, खैर व मीरापुर में भी योगी-योगी

मझवा, फूलपुर, गाजियाबाद, खैर के साथ ही मीरापुर में भी रैलियों से चल रही योगी-य़ोगी की गूंज शनिवार को जीत के बाद और तेज होती गई। मीरापुर में रालोद व अन्य सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की। मझवा में विनोद बिंद, फूलपुर से प्रवीण पटेल, गाजियाबाद से अतुल गर्ग, खैर से अनूप प्रधान वाल्मीकि व मीरापुर से चंदन चौहान के सांसद चुने जाने के उपरांत यहां उपचुनाव कराए गए। इन सीटों को बरकरार रखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने अन्य सीटों पर जीत हासिल की।

सपा के घर करहल के साथ सीसामऊ में जीत का अंतर भी हुआ कम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मेहनत का ही प्रतिफल है कि समाजवादी पार्टी के घर करहल में भी सपा की जीत का अंतर काफी कम हुआ। 2022 आमचुनाव में सपा प्रत्याशी अखिलेश यादव ने यहां 67504 वोटों से जीत हासिल की थी, जो 2024 उपचुनाव में घटकर महज 14725 वोट पहुंच गई। तेज प्रताप यादव को यहां से 104304 वोट मिले। भाजपा के अनुजेश यादव ने 89579 वोट प्राप्त किया। वहीं सीसामऊ में 2022 में सपा के इरफान सोलंकी ने 12266 वोटों से जीत हासिल की। उपचुनाव में सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने 69714 वोट पाकर 8564 वोट से जीत दर्ज की। यहां से भाजपा के सुरेश अवस्थी को 61150 वोट मिले।

सात सीटों पर जीत व अंतर

कुंदरकी- रामवीर सिंह ठाकुर
गाजियाबाद- संजीव शर्मा- 96946 (69351 से जीत)
फूलपुर- दीपक पटेल- 78289 (11305 से जीत)
मझवां- सुचिस्मिता मौर्या- 77737 (4922 से जीत)
कटेहरी- धर्मराज निषाद- 104091 (34514 से जीत)
खैर- सुरेंद्र दिलेर – 100181 (38393 से जीत)
मीरापुर- मिथिलेश पाल (रालोद)- 84304 (30796 से जीत

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