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यूपीए के दोनों कार्यकाल में सर्वाधिक दशकीय विकास दर : चिदंबरम

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नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)| पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने रविवार को कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास दर की गणना पूर्ववर्ती वर्षो की श्रृंखला में की जाए जो संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के दोनों कार्यकाल (2004-2014) के दौरान 8.13 फीसदी की दशकीय विकास दर रही है, जोकि स्वतंत्रता के बाद सर्वाधिक है।

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई में मौजूदा सरकार द्वारा पूरी कोशिश से तथ्यों को तोड़मरोड़ कर मनमोहन सिंह सरकार के रिकॉर्ड को धूमिल किया जा रहा है।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी सरकार को सत्ता में आए यह पांचवां साल है और सरकार संप्रग-1 की औसत विकास दर की बराबरी नहीं कर सकी है लेकिन उम्मीद कर रही है कि यूपीए-2 के शासन काल की विकास दर को पकड़ सकती है।

उन्होंने यहां प्रेसवार्ता के दौरान कहा, देश के वास्ते हमारी आकांक्षा है कि सरकार पांचवें साल में बेहतर करे।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में मौजूदा सरकार को एक ऐसी अर्थव्यवस्था विरासत में मिली थी जो प्रगति की ओर अग्रसर थी।

चिदंबरम ने कहा, दुर्भाग्यवश, दो साल बाद सरकार लड़खड़ा गई और प्रगति की रफ्तार मंद पड़ गई। नोटबंदी, त्रुटिपूर्ण ढंग से वस्तु एवं सेवा कर लागू करना और कर आतंकवाद इसके मुख्य कारण रहे हैं।

उन्होंने कहा, पिछली श्रृंखला के आंकड़े अब उपलब्ध हैं। आंकड़ों से यह बात सही प्रमाणित होती है कि सच को हमेशा के लिए नहीं दबाया जा सकता है। झूठ और तोड़मरोड़ कर तथ्यों को पेश किए जाने के बीच सच उभरकर सामने आ गया है।

उन्होंने कहा, सरकार 2014 के मई में सत्ता में आई और उसके बाद से डॉ. मनमोहन सिंह के 2004 से लेकर 2014 के शासन काल के रिकॉर्ड की आलोचना करने के प्रयास लगातार जारी हैं।

सांख्यिकी मंत्रालय के आंकड़ों का जिक्र करते हुए चिदंबरम ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर राजग-1 (प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में) शासन काल में 5.68 फीसदी थी, जो संप्रग-1 कार्यकाल में 8.36 फीसदी और संप्रग-2 में 7.68 फीसदी हो गई, जबकि राजग-2 में यह 7.33 फीसदी है।

कांग्रेस नेता ने कहा, काफी भ्रम पैदा किए गए। मोदी सरकार ने आधार वर्ष को 2004-05 से बदलकर 2011-12 करके भ्रम पैदा किया।

उन्होंने कहा कि संप्रग-1 और संप्रग-2 के शासन काल के दौरान स्वतंत्रता के बाद सर्वाधिक विकास दर (8.13 फीसदी) रही।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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