प्रादेशिक
यूपी में इस बार दिवाली पर चीनी पटाखों को ‘नो एंट्री’
लखनऊ। दीपावली में इस बार पटाखा बाजार में चीन में बने पटाखे बिकते नजर नहीं आएंगे। लखनऊ जिला प्रशासन के निर्देश पर रस्तोगी इंटर कॉलेज में लगी आतिशबाजी की दुकानों पर केवल शिवकाशी और तमिलनाडु सहित भारत के अन्य जगहों पर बने पटाखे ही बिक रहे हैं। बाजार में चीनी उत्पाद की कोई दुकानदार बिक्री न करने पाए, इसके लिए स्वयं आतिशबाजी उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष अखिलेश गुप्ता और महामंत्री सतीश मिश्रा ने खुद कमर कस रखी है। दोनों पदाधिकारी सभी दुकानों को चेक करते रहते हैं कि कोई व्यापारी चीनी पटाखा न बेचने पाए।
सभी थोक कारोबारियों को निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी चीन के उत्पाद की बिक्री नहीं करेगा। थोक व्यापारियों का कहना है कि चीन पाकिस्तान का साथ दे रहा है। इससे हर किसी में चीन के खिलाफ आक्रोश है। इसलिए उन्होंने चाइनीज आइटमों से तौबा कर ली है। खास बात ये है कि आतिशबाजी के जो उत्पाद चीन से आयात किए जाते हैं, इस बार वह भारत में बन रहे हैं और दाम में भी कोई खास फर्क नहीं है।
पटाखा व्यापारी गुलसेर कहते हैं, अभी पटाखों की बिक्री बहुत कम है। लेकिन जो भी ग्राहक आता है ये जरूर पूछता है कि आतिशबाजी चाइनीज तो नहीं है। हमारी दुकान में एक भी आइटम चाइनीज नहीं है। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने पिछले वर्ष का बचा हुआ चीन के उत्पाद दुकानों में रखे थे, जिन्हें हटवा दिया गया है। सभी को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी व्यापारी चीन के उत्पादों की बिक्री न करें। खास बात ये है कि फुटकर दुकानदार से लेकर लोग भी चीन के उत्पाद नहीं ले रहे हैं।
सरकार के विस्फोटक सुरक्षा संगठन के नियंत्रक ने दीपावली के अवसर पर चीन के अलावा अन्य देशों से आने वाले तेज आवाज वाली आतिशबाजी पर व्यापारियों ने खुद ही प्रतिबंध लगा दिया है।
प्रादेशिक
एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन
मुंबई। एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार यात्रा रुइया हाउस से शाम 4 बजे हिंदू वर्ली श्मशान के लिए निकलेगी।
शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की स्थापना की थी। वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम चार बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।
उद्योगपति शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपने व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद एस्सार ग्रुप ने इस्पात, तेल रिफाइनरी, अन्वेषण और उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।
-
लाइफ स्टाइल8 hours ago
दिल से जुड़ी बीमारियों को न्योता देता है जंक फूड, इन खाद्य पदार्थों से करें परहेज
-
लाइफ स्टाइल1 day ago
साइलेंट किलर है हाई कोलेस्ट्रॉल की बीमारी, इन लक्षणों से होती है पहचान
-
खेल-कूद2 days ago
IND VS AUS : पर्थ टेस्ट में दिखा यशस्वी जायसवाल का तेवर
-
राजनीति2 days ago
मुंबई में महायुति के चुने गए विधायकों की बैठक, आज तय होगा महाराष्ट्र का नया सीएम
-
उत्तर प्रदेश2 days ago
बीएसपी चीफ मायावती का बड़ा ऐलान, अब उनकी पार्टी नहीं लड़ेगी उपचुनाव
-
ऑफ़बीट1 day ago
SAMAY RAINA : कौन हैं समय रैना, दीपिका पादुकोण को लेकर कही ऐसी बात, हो गया विवाद
-
उत्तराखंड2 days ago
केदारनाथ विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा को मिली जीत, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जनता का किया धन्यवाद
-
उत्तर प्रदेश2 days ago
प्रयागराज महाकुम्भ में बिखरी सनातन की छटा, महाकुम्भ क्षेत्र तीन संन्यासी अखाड़ों की धर्म ध्वजा हुई स्थापित