ऑफ़बीट
रक्षाबंधन पर भाई ने बहन को उपहार में दिया टॉयलेट
वाराणसी। एक भाई ने रक्षाबंधन पर बहन को ऐसा अनमोल तोहफा दिया है जिसके बारे में जानकर एक बार आप भी चौंके बिना नहीं रह पाएंगे। इस भाई ने अपनी बहन को रक्षाबंधन पर उपहार स्वरूप शौचालय दिया है।
दरअसल, इस शख्स की बहन की शादी जिस घर में हुई थी, वहां शौचालय नहीं था। जाहिर ये लोग खुले में ही शौच के लिए जाते थे।
बहन ने बताया कि 11 साल से वह शौच के लिए घर के बाहर खेतों में ही जाती थी और अब बेटी भी बड़ी हो रही है। मेरे भइया ने मेरी समस्या को समझा और घर की इज्जत को बचाया।
ये मामला राजातालाब के दीपापुर गांव का है। जहां लोहता थाना क्षेत्र के घमहापुर के रहने वाले अशोक कुमार पटेल ने अपनी बहन की शादी के 11 साल पहले कर दी थी।
अब उन्होंने इतने साल बाद बहन को टॉयलेट गिफ्ट किया। यही नहीं 3 दिनों से अशोक ने 15,000 हजार की लागत से बहन सुनीता के घर रुककर टॉयलेट बनवाया। खुद अपने हाथों से ईंट ढोए।
युवक अशोक का कहना है, ‘पत्नी पूजा पटेल के ग्राम प्रधान बनते ही उसने पीएम मोदी के स्वच्छता अभियान के तहत सभी को टॉयलेट को लेकर जागरूक किया।
इसके बाद प्रधान फंड से 60 से ऊपर टॉयलेट घमहापुर लोहता में बनवाया। लेकिन वहीं मेरी दीदी 11 साल से बाहर शौच जा रही थीं। अब तो उसकी बेटी भी साथ जाने लगी। यह बात मुझे खटकने लगी तभी सोच लिया कि इस बार रक्षाबंधन पर कपड़े-पैसों की जगह टॉयलेट गिफ्ट करूंगा।
परिवार की जिम्मेदारी के कारण नहीं बना पाया शौचालय सुनीता बताती है कि 2006 में मेरी शादी प्रभात कुमार से हुई। हमारा परिवार मिडिल क्लास है और पति किसानी करते हैं। गांव में सिर्फ 3 परसेंट लोगों के यहां ही टॉयलेट होगा।
हम लोगों को घर से 1 किलोमीटर दूर शौच करने जाना पड़ता था। आए दिन दूसरे गांवों में छेड़खानी की घटनाएं सुनने को मिलती थी। अब बेटी रानी भी बड़ी हो रही है। इसे देखते हुए भाई ने अच्छा गिफ्ट दिया।
वहीं, अशोक के जीजा प्रभात का कहना है 2007 पिता की मौत के बाद दो बहनों की शादी जिम्मेदारी भी मुझ पर ही आ गई।
इस वजह से शौचालय बनवाने के बारे में सोच ही नहीं पाया। साले का बहन के लिए इतना प्यार देख उसे दिल से सलाम करना चाहूँगा।
ऑफ़बीट
मध्य प्रदेश के शहडोल में अनोखे बच्चों ने लिया जन्म, देखकर उड़े लोगों के होश
शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ऐसे बच्चों ने जन्म लिया है, जिनके 2 शरीर हैं लेकिन दिल एक ही है। बच्चों के जन्म के बाद से लोग हैरान भी हैं और इस बात की चिंता जता रहे हैं कि आने वाले समय में ये बच्चे कैसे सर्वाइव करेंगे।
क्या है पूरा मामला?
एमपी के शहडोल मेडिकल कालेज में 2 जिस्म लेकिन एक दिल वाले बच्चे पैदा हुए हैं। इन्हें जन्म देने वाली मां समेत परिवार के लोग परेशान हैं कि आने वाले समय में इन बच्चों का क्या भविष्य होगा। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा कि शरीर से एक दूसरे से जुड़े इन बच्चों का वह कैसे पालन-पोषण करेंगे।
परिजनों को बच्चों के स्वास्थ्य की भी चिंता है। बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा इन्हें रीवा या जबलपुर भेजने की तैयारी की जा रही है, जिससे इनका उचित उपचार हो सके। ऐसे बच्चों को सीमंस ट्विन्स भी कहा जाता है।
जानकारी के अनुसार, अनूपपुर जिले के कोतमा निवासी वर्षा जोगी और पति रवि जोगी को ये संतान हुई है। प्रेग्नेंसी के दर्द के बाद परिजनों द्वारा महिला को मेडिकल कालेज लाया गया था। शाम करीब 6 बजे प्रसूता का सीजर किया गया, जिसमें एक ऐसे जुडवा बच्चों ने जन्म लिया, जिनके जिस्म दो अलग अलग थे लेकिन दिल एक ही है, जो जुड़ा हुआ है।
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