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बिजनेस

रबी फसलों का रकबा पहुंचा 609 लाख हेक्टेयर के पार

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नई दिल्ली, 13 जनवरी (आईएएनएस)| चालू रबी बोआई सीजन (2017-18) में फसलों की बोआई का कुल रकबा 609 लाख हेक्टेयर से ज्यादा हो चुका है लेकिन पिछले साल के मुकाबले यह आंकड़ा करीब एक फीसदी कम है। गेहूं, दलहन व तिलहन जैसी प्रमुख फसलों की बुआई लगभग समाप्त हो चुकी है लेकिन देशभर से इस हफ्ते आए आंकड़ों के मुताबिक गेहूं और सरसों समेत कई फसलों की बुआई अब तक पिछले साल के मुकाबले पिछड़ी हुई जबकि चना, मसूर, कुल्थी के अलावा रागी, बाजरा, मक्का व जौ जैसे मोटा अनाज का भी रकबा बढ़ा हुआ है।

तिलहनों में मूंगफल, सूर्यमुखी और अलसी की बोआई में इस साल किसानों ने दिलचस्पी दिखाई है।

केंद्रीय कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग की वेबसाइट पर शुक्रवार को प्रकाशित आंकड़ों के मुताबिक, अब तक रबी फसलों का कुल रकबा 609.51 लाख हेक्टेयर हो चुका है, जबकि पिछले साल समान अवधि में 615 लाख हेक्टेयर में रबी फसलों की खेती हो चुकी थी। हालांकि, देशभर में रबी फसलों का औसत रकबा 623.53 लाख हेक्टेयर रहता है।

प्रमुख रबी फसलों में गेहूं का रकबा अब तक चालू बुआई सीजन में 295.53 लाख हेक्टेयर है जो पिछले साल की समान अवधि के रकबे 309.99 लाख हेक्टेयर से 4.67 फीसदी कम है।

वहीं चना का रकबा 105.61 लाख हेक्टेयर हो गया है जोकि पिछले साल के मुकाबले 7.88 फीसदी ज्यादा है। पिछले साल चना का रकबा 97.90 लाख हेक्टेयर था। कुल दलहन फसलों की बात करें तो अब तक 160.91 लाख हेक्टेयर में दलहनों की बुआई हो चुकी है, जोकि पिछले साल के 154.05 लाख हेक्टेयर से 4.45 फीसदी ज्यादा है।

वहीं, कुल तिलहन फसलों का रकबा 78.62 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है जो पिछले साल के 81.61 लाख हेक्टेयर से 3.66 फीसदी कम है। सबसे प्रमुख रबी तिलहन फसल सरसों का रकबा 66.38 लाख हेक्टेयर है जोकि पिछले साल के 69.90 लाख हेक्टेयर से 5.03 फीसदी कम है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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