Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

रात को भाभी के कमरे में घुस गया देवर, बोला- नया पोर्न वीडियो लाया हूं, देखोगी

Published

on

प्रतीकात्मक तस्वीर

Loading

इंदौर। यूं तो देवर भाभी के रिश्ते को पवित्र माना जाता है लेकिन इंदौर में इस पवित्र रिश्ते को कलयुगी देवर ने शर्मसार कर दिया। यहां लसूडिया थाना क्षेत्र में रहने वाली एक महिला का पति किसी काम से घर के बाहर गया हुआ था। इस बात का फायदा उठाकर आरोपी युवक अपनी भाभी के कमरे में घुस गया और उसके साथ अश्लील हरकतें करने लगा। इतना ही नहीं हद तो तब पार हो गई जब उसने अपनी भाभी को मोबाइल पर जबरदस्ती पोर्न वीडियो दिखाने की कोशिश की। पीड़िता का कहना है कि उसका देवर पिछले कई दिनों से मौका पाकर अश्लील हरकतें कर रहा था। हालांकि बदनामी के डर से वह चुप रही, लेकिन बीती रात हद पार होने पर उसने अपने देवर के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज करवा दी।

महिला ने पुलिस को मेरे पति किसी काम से अहमदाबाद गए थे, उस दिन घर पर सिर्फ मैं, सास और देवर ही थे। रात 11 बजे उसने मेरे रूम का दरवाजा खटखटाया। मैंने पूछा तो कहने लगा मेरा मोबाइल आपके रूम में रह गया है। मैंने गेट खोला तो अन्दर आकर दूसरे मोबाइल से एक गंदा वीडियो दिखाने लगा। मैंने उसे बाहर जाने को कहा तो वह मुझे पकड़कर हरकत करने लगा। मेरे विरोध के बावजूद वह मुझे हर कहीं टच कर रहा था। उसने कहा कि मैं तुमसे प्यार करता हूं। जो भी हमारे बीच होगा वो बात बाहर नहीं जएगी। इस पर मैं जब चिल्लाई तो उसने मुझे धमकाया कि यदि ये बात किसी को बताई तो वह जान से मार देगा।

महिला ने बताया कि परिवार की इज्जत के बारे में सोचकर मैं अब तक चुप थी, लेकिन जब सब्र का बांध टूट गया तो मजबूरी में शिकायत करनी पड़ी। महिला की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल वह फरार है।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

Published

on

Loading

लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

Continue Reading

Trending