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‘रामजी’ को लेकर उप्र की सियासत गरमाई

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लखनऊ, 29 मार्च (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में अब संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर के असली नाम को लेकर सियासत गरमा गई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है कि सभी राजकीय अभिलेखों में अब ‘डॉ. भीमराव आम्बेडकर की जगह डॉ. भीमराव ‘रामजी’ आम्बेडकर’ लिखा जाएगा। इस फैसले को लेकर विरोधियों ने सरकार पर हल्ला बोल दिया है।

उप्र सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि बाबा साहेब का सही नाम लिए जाने पर इतनी आपत्ति क्यों है? भारतीय संविधान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि बाबा साहेब के नाम में ‘रामजी’ का भी उल्लेख है।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर राज्यपाल राम नाईक का सुझाव न मानने का अरोप लगाते हुए सिद्धार्थनाथ ने कहा कि राज्यपाल ने पूर्व मुख्यमंत्री को भी यह सुझाव दिया था, लेकिन उन्होंने उस पर अमल करना जरूरी नहीं समझा।

उन्होंने कहा, हमारी सरकार ने न सिर्फ उनके सुझाव पर विचार किया, बल्कि शासनादेश जारी कर उसका क्रियान्वयन भी सुनिश्चित किया है। इसी क्रम में एक अप्रैल से सभी सरकारी दफ्तरों में उनके सही नाम के साथ फोटो लगाने का कार्य शुरू हो जाएगा।

इस फैसले को लेकर राज्यपाल राम नाईक ने कहा, मैं एक मराठी हूं और बाबा साहेब भी मराठी थे। मराठी में पहले परंपरा थी कि बच्चे के नाम के बीच में पिता का नाम जोड़ा जाता था, इसीलिए आम्बेडकर जी का पूरा नाम डॉ. भीमराव रामजी आम्बेडकर है।

राज्यपाल ने कहा कि संविधान में भी बाबा साहेब ने अपने हस्ताक्षर में पूरा नाम लिखा है, जिसमें ‘डा़ॅ भीमराव रामजी आम्बेडकर’ लिखा है।

राज्यपाल का कहना है कि हिंदी भाषा वाले राज्य उनके नाम को गलत तरीके से लिख रहे हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि उनके नाम को दो भागों में बांट दिया गया है भीम और राव जबकि भीमराव एक ही शब्द है।

गौरतलब है कि राज्यपाल राम नाईक ने ही उप्र सरकार को संविधान की आठवीं अनुसूची की मूल प्रति के संलग्नक की छाया प्रति भेजी थी, जिसमें बाबा साहब ने अपने हस्ताक्षर करते हुए डॉ़ भीमराव रामजी आम्बेडकर लिखा है। राज्यपाल ने सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा था कि बाबा साहब का नाम गलत लिखा जा रहा है। इसे सही किया जाए।

राज्यपाल के इस कदम के बाद उप्र सरकार की ओर से शासनादेश जारी करके सरकारी अभिलेखों में उनका नाम डॉ़ भीमराव रामजी आम्बेडकर लिखने के निर्देश दिए गए हैं।

ज्ञात हो कि आगरा स्थित डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के नाम में अम्बेडकर की जगह आम्बेडकर लिखने के निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं।

सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार के मुताबिक, राज्यपाल नाईक ने सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा था कि उनका नाम गलत लिखा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि संविधान की आठवीं अनुसूची की मूल प्रति का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने कहा था कि बाबा साहेब ने अपना नाम डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर लिखा है। लिहाजा इसे सही किया जाए। इसे देखते हुए ही अभिलेखों में उनका पूरा नाम लिखने का निर्देश दिया गया है।

इस बीच विपक्ष ने सरकार के इस कदम को लेकर हल्ला बोल दिया है। समाजवादी पाटी (सपा) के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने दलितों के लिए कुछ भी नहीं किया है, लेकिन दलितों के आदर्श डॉ. भीमराव अम्बेडकर के नाम पर उनका वोट हासिल करना चाहती है।

उत्तम ने कहा कि दलित इस बहकावे में आने वाले नहीं हैं। दलितों को भाजपा के बारे में सब पता है।

हालांकि सरकार के इस फैसले को लेकर उसके अपने ही सांसद उदित राज ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा, डॉ़ भीमराव आम्बेडकर के नाम के मध्य में रामजी लिखवाकर अनावश्यक विवाद खड़ा किया गया है। मुझे नाम बदलने का कोई कारण नहीं मिल रहा है। यह एक व्यक्तिगत विचार हो सकता है। इससे दलित भी नाराज हैं।

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महाराष्ट्र के वाशिम में बोले सीएम योगी- ‘बंटिए मत, बंटे थे तो कटे थे’, एक हैं तो सेफ हैं

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वाशिम। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र के वाशिम में एक जनसभा को संबोधित किया। यहां उन्होंने एक बार अपना पुराना बयान दोहराया। सीएम योगी ने कहा कि बंटिए मत, क्योंकि जब भी बंटे थे तो कटे थे। एक हैं तो नेक हैं, एक हैं तो सेफ हैं। अपनी ताकत का एहसास करवाइए, जातियों में मत बंटना। इस दौरान सीएम योगी ने अयोध्या, काशी और मथुरा का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अयोध्या में अभी भगवान राम ने दिवाली का आनंद लिया है। पूरी दुनिया ने देखा कैसे अयोध्या दीपों से जगमगा रही थी। ये तो शुरूआत है, केवल अयोध्या ही नहीं, अब तो हम काशी और मथुरा की तरफ भी बढ़ चुके हैं।

सीएम योगी ने आगे कहा कि वाशिम विधानसभा क्षेत्र में उमड़ा यह अपार जन सिंधु महाराष्ट्र में भाजपा की विजय गाथा लिखने जा रहा है। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने जिस दुष्ट अफजल को मार गिराया था उसके नाम पर औरंगाबाद का नाम होना, याद करना इसको हटना ही चाहिए था, इसे संभाजीनगर के रूप में पहचान मिलनी ही थी। छत्रपति शिवाजी महाराज का संघर्ष हो या संभाजी महाराज का, हमें नई प्रेरणा देता है। छत्रपति शिवाजी महाराज हम सबको एकजुट करके लेकर गए थे। हर भारतवासी को अपने साथ जोड़े थे। अपनी सेना का हिस्सा बनाए थे।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र चुनाव में दो महा गठबंधन चुनाव लड़ रहे हैं। एक तरफ महायुति गठबंधन है और दूसरी और महा अघाड़ी के रूप में ‘महाअनाड़ी’ गठबंधन है। मैं अनाड़ी इसलिए कहता हूं जिसे राष्ट्र की चिंता नहीं हो, वह अनाड़ी ही होगा। एक समय था जब आतंकवादी देश में घुसकर विस्फोट करते थे, आज पीएम मोदी के नेतृत्व में कोई सीमा पर अतिक्रमण करता है तो उसका राम नाम सत्य हो जाता है। सीएम योगी ने वाशिम में शिवाजी बनाम औरंगजेब का वैचारिक मुद्दा उठाकर हिन्दुत्व को तेज धार देने वाली स्पीच दी।

योगी ने कहा कि जिस तरह से वाशिम विधानसभा क्षेत्र में लोग उमड़े हैं, यह महाराष्ट्र में भाजपा की विजय गाथा लिखने जा रहा है। उन्होंने कहा कि सत्ताएं तो आएंगी-जाएंगी, लेकिन हमारा ‘भारत’ रहना चाहिए और ‘भारत’ दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनना चाहिए। विपक्षी कहते थे राम हुए नहीं, कृष्ण हुए नहीं, आज भले ये चुनाव में कह रहे हो लेकिन इन पर भरोसा मत करिएगा। राम हमारी रग-रग में हैं, कण-कण में हैं। इसके अलावा सीएम योगी ने आगे कहा कि बंटिए मत! क्योंकि जब भी बंटे थे तो कटे थे। एक हैं तो नेक हैं, एक हैं तो सेफ हैं।

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