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नेशनल

राष्ट्रपति कोविंद ने लेह दौरे को जवानों को समर्पित किया

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लेह, 21 अगस्त (आईएएनएस)| राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद संभालने के बाद दिल्ली से बाहर अपने पहले दौरे में सोमवार को लद्दाख स्काउट्स को प्रेसीडेंट्स कलर्स अवॉर्ड प्रदान किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उनका जम्मू एवं कश्मीर का दौरा सशस्त्र बलों को समर्पित है। इस दौरान सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत भी मौजूद रहे।

उन्होंने कहा, राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद यह दिल्ली के बाहर मेरी पहली यात्रा है। मैंने अपने पहले दौरे के लिए जम्मू एवं कश्मीर के खूबसूरत लेह को चुना और मैं हमारे सैनिकों के बीच में बहुत खुश हूं।

कोविंद ने स्काउट्स से हिंदी में कहा, सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर होने के नाते यह दौरा जवानों को समर्पित है।

लद्दाख के स्काउट्स की प्रशंसा करते हुए राष्ट्रपति ने उनके 1947-48 के संघर्ष, चीन से 1962 के युद्ध, पाकिस्तान से 1971 के युद्ध व 1999 के कारगिल संघर्ष में उनकी बहादुरी को याद किया।

उन्होंने कहा, सबसे कठिन जलवायु परिस्थितियों में से एक में तैनात आपकी बहादुरी आपकी संख्या से बड़ी है।

उन्होंने कहा, हमने सभी परिस्थितियों में अपने राष्ट्र की संप्रभुता की सुरक्षा का प्रण लिया है। मुझे विश्वास है कि हम इसे पूरा करेंगे और अपने देश के सम्मान व गर्व को बनाए रखेंगे।

प्रेसीडेंट कलर्स युद्ध व शांति काल दोनों के दौरान असाधारण सेवा देने के सेना की एक ईकाई को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।

यह दौरा लद्दाख में पैंगोंग झील के निकट चीनी जवानों के वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास घुसपैठ की कोशिश के दौरान चीन व भारतीय सैनिकों में हुई झड़प के कुछ दिनों बाद हुआ है।

सेना प्रमुख इलाके में सुरक्षा की समीक्षा भी करेंगे।

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आध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां

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नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है।  मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।

मां को प्रिय है ये भोग

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।

यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा

मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।

माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं

जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।

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