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रेयान की प्रधानाध्यापिका की दोबारा नियुक्ति पर उठे सवाल
गुरुग्राम, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल की निलंबित प्रधानाध्यापिका की रेयान के किसी दूसरे स्कूल में नियुक्ति होने पर सात वर्षीय प्रद्युम्न के अभिभावक ने सवाल उठाए हैं।
कक्षा दो में पढ़ने वाले सात वर्षीय मासूम छात्र प्रद्युम्न ठाकुर की उसके स्कूल में गला रेतकर नृशंस हत्या कर दी गई थी।
गुरुग्राम स्थित रेयान के भोंडसी शाखा में प्रद्युम्न की हत्या के बाद कार्यवाहक प्रधानाध्यापिका को लापरवाही बरतने के बाद निलंबित कर दिया गया था। उनकी अब इसी संस्था के सेक्टर 40 स्थित स्कूल में शिक्षिका के तौर पर दोबारा नियुक्ति की गई है।
प्रद्युम्न के पिता बरुण चंद्र ठाकुर ने सवाल उठाते हुए कहा, अगर वह दोषी नहीं थी तो उन्हें निलंबित क्यों किया गया था। अगर वह दोषी हैं तो जांच के बीच में ही उन्हें स्कूल में दोबारा क्यों नियुक्त किया गया।
उन्होंने कहा कि जब बत्रा अपने कर्तव्य और जिम्मेदारी को निभाने में इतनी लापरवाह थी तो, वह अब कैसे अपना उत्तरदायित्व निभाएंगी।
बत्रा की गुरुग्राम के उपायुक्त विनय प्रताप सिंह के निर्देश के बाद दोबारा नियुक्ति हुई है।
ठाकुर के वकील सुशील के.टेकरीवाल ने आईएएनएस को बताया कि विनय प्रताप सिंह का आदेश ‘पूरी तरह अवैध, असंवैधानिक और दुर्भाग्यपूर्ण है। वह इतनी जल्दबाजी में कैसे उन्हें क्लीन चिट दे सकते हैं।’
टेकरीवाल ने कहा, उपायुक्त विनय प्रताप सिंह को हरियाणा सरकार ने केवल तीन महीनों के लिए स्कूल प्रशासक बनाया है। उन्हें उनके आदेश के लिए अवश्य ही बर्खास्त किया जाना चाहिए। इससे लगता है कि सिंह भी उस समूह का हिस्सा हैं जो स्कूल प्रबंधकों को क्लीन चिट दिलाने के लिए षड्यंत्र कर रहा है।
वहीं उपायुक्त विनय प्रताप ने आदेश में कहा कि सभी साझेदारों से चर्चा करने के बाद उन्होंने बत्रा को रेयान स्कूल के सेक्टर 40 स्थित शाखा भेजने का फैसला लिया।
आदेश के अनुसार, बत्रा ने सोहना रोड शाखा के स्कूल की खामियों के बारे में कई बार रेयान प्रबंधकों को बताया था और उसके पास कोई वित्तीय अधिकार नहीं थे इसलिए प्राथमिक जांच में इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए उसे सीधे तौर पर जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए।
इस मामले में प्रद्युम्न के पिता की ओर से न्याय की लड़ाई लड़ रहे मिथलालोक फाउंडेशन एनजीओ चलाने वाले बीरबल झा ने इस फैसले को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया।
बत्रा इस वर्ष अप्रैल में प्रधानाध्यापिका राखी वर्मा के इस्तीफा देने के बाद कार्यवाहक के तौर पर इस पद को संभाल रही थी।
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महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे ने दिया इस्तीफा, क्या फडणवीस के सिर सजेगा ताज ?
मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राज्यपाल राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को अपना इस्तीफा सौंपा है। इस दौरान डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार भी मौजूद थे। विधानसभा का कार्यकाल आज यानी 26 नवंबर तक ही है। नए मुख्यमंत्री की शपथ की तारीख तय नहीं है। तब तक शिंदे कार्यवाहक सीएम रहेंगे।
इस बीच महाराष्ट्र में अगली सरकार के गठन की रूपरेखा लेकर चर्चा तेज हो गई है। खबर है कि गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर सकते हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले ‘महायुति’ गठबंधन ने 288 सदस्यीय विधानसभा में 235 सीट हासिल की हैं। जिसमें बाजेपी अकेली 135 सीटों पर कब्जा कर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
बीजेपी की महाराष्ट्र में ये अब तक की सबसे बड़ी जीत है। शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57 सीट पर जीत हासिल की और अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने 41 सीट पर जीत दर्ज की है। मौजूदा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सीएम की रेस में सबसे आगे चल रहे है।
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