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प्रादेशिक

लखनऊ मेट्रो के एमडी कुमार केशव ने भूमिगत स्टेशनों का लिया जायजा

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लखनऊ। लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने शनिवार को लखनऊ मेट्रो के साउथ-नार्थ कॉरिडोर में आने वाले भूमिगत स्टेशनों का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण में उनके साथ डायरेक्टर वर्क एंड इंफ्रास्ट्रक्चर दलजीत सिंह वडायरेक्टर रोलिंग स्टॉक महेंद्र कुमार भी मौजूद थे।

लखनऊ मेट्रो ने जहां अपने प्राथमिक खंड में आने वाले आठो मेट्रो स्टेशनों का कार्य समाप्त कर लिया है वहीं चारबाग मेट्रो स्टेशन के आगे पडऩे वाले भूमिगत भाग की शुरुवात भी यहीं से हो जाएगी।

यहां पर रैंप का कार्य बहुत तेजी से किया जा रहा है, जिसमें कुल 60 डायफ्राम वॉल को लगाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। यही आगे जाकर के पहले भूमिगत मेट्रो स्टेशन से मिलेगा जिसके कार्यों की समीक्षा प्रबंध निदेशक, डायरेक्टर्स ने संस्था के साथ निर्माण स्थलों पर जाकर की।

इसके बाद उन्होंने दूसरे भूमिगत निर्माणधीन मेट्रो स्टेशन सचिवालय पर चल रहे कार्यों को गहनता के साथ देखा व जरूरी दिशा निर्देश भी दिए। उन्होंने इस खंड के आखिरी भूमिगत मेट्रो स्टेशन (हजरतगंज) को भी देखा, जो कि आगे चल कर रैंप के जरिये एलिवेटेड भाग (केडी सिंह बाबू मेट्रो स्टेशन) से मिल जाएगा, जहां पर इस खंड के पहले पिलर की नींव रखी जाएगी जो यहां से बनते हुए मुंशी पुलिया तक जाएगी।

इसके साथ ही टीबीएम (गोमती) को निकलने का कार्य भी किया जा रहा है जिसे अनुमानित 20 दिन में निकाल लिया जाएगा। इस खंड में गोमती नदी पर मेट्रो के स्पेशल स्पैन के लिए पिलर्स को बनाने का कार्य भी चल रहा है।

भूमिगत तीनों मेट्रो स्टेशनों में डायफ्रॉम वॉल की कुल संख्या निम्न है-

चारबाग रैंप सेक्शन: 60
हुसैनगंज मेट्रो स्टेशन: 130
सचिवालय: 120
हजरतगंज: 124
हजरतगंज रैंप सेक्शन: 143

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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