अन्तर्राष्ट्रीय
लियू शियाओबो की विधवा नजरबंद नहीं : चीनी अधिकारी
बीजिंग, 15 जुलाई (आईएएनएस)| चीन के अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि नोबेल पुरस्कार विजेता दिवंगत लियू शियाओबो की विधवा लियू शिया मुक्त हैं, जबकि उनके पारिवारिक मित्रों ने कहा है कि उन्हें नजरबंद करके रखा गया है और इस कारण वे उनसे संपर्क करने में अक्षम हैं। शेनयांग सूचना कार्यालय के प्रवक्ता झांग किंगयांग ने प्रेस वार्ता में कहा, चीन की सरकार उनके (लीयू शिया) वैध अधिकारों की कानून सम्मत सुरक्षा करेगी।
यह पूछे जाने पर कि क्या लियू शिया विदेश यात्रा कर सकती हैं, जिसकी उन्होंने पहले अपील की थी, झांग ने कहा कि वह मुक्त हैं, लेकिन वह अपने पति के निधन पर शोकग्रस्त हैं, संबंधित अधिकारियों ने उन्हें परेशान न करने की उनकी इच्छा का आदर किया है।
11 साल जेल की सजा भुगत रहे लियू शियाओबो का लीवर कैंसर से इस सप्ताह निधन हो गया। झांग ने कहा कि उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच दफनाया गया।
कम्युनिस्ट सरकार ने दावा किया कि उनके परिवार ने उन्हें दफनाने का फैसला किया था और उनके सामान्य कार्यक्रम के तहत दफनाया गया, जबकि उनके पारिवारिक मित्रों ने इसे खारिज करते हुए दावा किया कि उनकी विधवा को नजरबंद करके रखा गया है।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, शियाओबो के वकील जेयर्ड जेंजर ने कहा कि पति की मौत के बाद से ही लियू शिया से किसी को मिलने नहीं दिया जा रहा है।
अन्तर्राष्ट्रीय
पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।
इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।
जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।
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