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खेल-कूद

लॉर्डस में फाइनल के बारे में कभी सोचा नहीं था : श्रूबसोले

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लंदन, 24 जुलाई (आईएएनएस)| इंग्लैंड की महिला टीम ने रविवार को वह चौथी बार किया जो उसकी पुरुष टीम वर्षो से एक भी बार नहीं कर पाई। आईसीसी विश्व कप के फाइनल में भारत को मात दी और विश्व विजेता का तमगा सीने पर लगा लिया। उसकी जीत में तेज गेंदबाज अन्या श्रूबसोले का अहम योगदान रहा। एक समय मैच भारत की पकड़ में था। गेंदबाजी आक्रमण की जिम्मेदारी कप्तान हीथर नाइट ने श्रूबसोले को थमाई और 12 रन देकर उन्होंने पांच विकेट लेकर अपनी टीम को जीत दिला दी।

विश्व कप के फाइनल से दो दिन पहले अन्या के पिता इयान श्रूबसोले ने अपने ट्विटर पर अपने पिता के साथ एक तस्वीर साझा की थी। वो तस्वीर तब की थी जब अन्या सिर्फ 10 साल की थीं। अन्या के पिता भी इंग्लैंड के लिए खेल चुके हैं। 16 साल पुरानी इस तस्वीर के साथ अन्या ने लिखा था उनका सपना इस मैदान पर वनडे मैच खेलने का था।

सपना सच हुआ साथ ही वह इतिहास भी रच गईं। अन्या को अपने प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना गया।

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को दिए बयान में कहा, पापा की ट्विटर प्रोफाइल को काफी तवज्जो मिली। उस समय अगर कोई मुझसे कहता कि मैं लॉर्ड्स में फाइनल खेलते हुए विश्व कप जीतूंगी तो मैं बहुत जोर से हंसती। आप इस तरह की चीजें कभी नहीं सोचते हैं।

उन्होंने कहा, आप हमेशा एक सपना देखती हो की आप एक दिन खेलोगी, इससे ज्यादा कुछ नहीं। आप व्यक्तिगत प्रदर्शन को लेकर ज्यादा नहीं सोचते हैं। मायने यह रखता है कि टीम जीते, आप यही सोचते हैं।

अन्या ने माना कि विश्व कप जीतना एक सपना था, जिसने उस तस्वीर को और विशेष बना दिया है।

बकौल अन्या, लेकिन यह हुआ, यह सपना था, जिसने उस तस्वीर को और विशेष बना दिया।

अन्या ने कहा, मैं उस तरह की खिलाड़ी हूं जिसका मानना है कि आपको इन सभी मैचों का लुत्फ उठाना चाहिए। आपको इस माहौल का पूरा लुत्फ उठाना चाहिए क्योंकि क्या पता यह पल दोबारा मिले या नहीं।

अन्या कहती हैं कि फाइनल में जिस तरह का माहौला था उसे देखकर नर्वस होना स्वाभविक है।

उन्होंने कहा, आप नर्वस होते हो, जब आप देखते हो कि इस बड़े मौके पर मैदान भरा हुआ है।

भारत एक समय 191 रनों पर तीन विकेट खोकर मजबूत स्थिति में था, लेकिन फिर अन्या ने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए उसके हाथ से पहला विश्व कप जीतने का सपना छीन लिया।

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खेल-कूद

IPL Auction: 13 साल के वैभव सूर्यवंशी ने रचा इतिहास, बन गए सबसे युवा करोड़पति

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पटना। बिहार के वैभव सूर्यवंशी ने महज 13 साल की उम्र में इतिहास रच दिया है। वैभव को आईपीएल मेगा नीलामी में राजस्थान रॉयल्स ने 1.1 करोड़ रुपये में खरीद लिया है। 13 साल 243 दिन की उम्र में वैभव आईपीएल के इतिहास में सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए। रॉयल्स और दिल्ली कैपिटल्स उन्हें अपने साथ जोड़ने में दिलचस्पी दिखाई। राजस्थान ने 1.1 करोड़ रुपये में अपने साथ जोड़ा।

वैभव ने हाल ही में सबका ध्यान अपनी ओर खींचा जब वह अंतरराष्ट्रीय शतक बनाने वाले सबसे युवा बल्लेबाज (13 वर्ष, 288 दिन) बने। उन्होंने चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 के खिलाफ भारत अंडर-19 के लिए खेले गए यूथ टेस्ट में 62 गेंदों पर 104 रन बनाए। बाएं हाथ के इस खिलाड़ी ने 58 गेंदों पर शतक बनाया। यह किसी भारतीय का सबसे तेज यूथ टेस्ट शतक और दुनिया में दूसरा सबसे तेज शतक था।

वैभव एक बेहतरीन खिलाड़ी है और उम्मीद जताई जा रही है कि 2025 आईपीएल में वह जबरदस्त प्रदर्शन करेंगे। वैभव की बात करें तो वह बिहार के समस्तीपुर जिले के रहने वाले हैं। महज 13 साल के बेटे के करोड़पति बनने के बाद उनके पिता भावुक नजर आ रहे हैं।

एक मीडिया चैनल को दिए गए इंटरव्यू में वैभव के पिता संजीव सूर्यवंशी ने कहा कि अपने बेटे के सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने बहुत कुछ किया। अपनी खेती तक की जमीन बेच दी ताकि वैभव क्रिकेट खेल सके और अपना करियर बना सके। वैभव के बारे में बात करते हुए पिता ने बताया कि उसे हमेशा से क्रिकेट में रूचि थी और वह महज 5 साल का था, तब से क्रिकेट खेल रहा है। वैभव को उनके पिता ने ही घर में नेट प्रैक्टिस करवाई, जिसके बागद समस्तीपुर क्रिकेट एकेडमी भेजा। उनके पिता ने बेटे की कामयाबी के लिए बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश तिवारी का भी शुक्रिया किया।

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