मुख्य समाचार
वाजपेयी की शव यात्रा में मोदी, शाह सहित जनसमूह
नई दिल्ली, 17 अगस्त (आईएएनएस)| पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अंतिम यात्रा में उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए यमुना नदी किनारे स्थित राष्ट्रीय स्मृति स्थल ले जाए जाने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह हजारों की संख्या में उमड़े जनसमूह के साथ शामिल हुए।
स्मृति स्थल के लिए यात्रा दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर स्थित भाजपा मुख्यालय से करीब दो बजे शुरू हुई। मोदी और शाह तिरंगे में लिपटे और फूलों से ढके वाहन में रखे वाजपेयी के पार्थिव शरीर के पीछे चल रहे थे।
देश के विभिन्न हिस्सों से आए लोगों ने तीन किलोमीटर की यात्रा के दौरान नम आंखों के साथ ताबूत में रखे वाजपेयी के पार्थिव शरीर पर फूल बरसाए।
इस दौरान ‘अटल जी अमर रहें’ ‘जब तक सूरज चंद रहेगा, अटलजी का नाम रहेगा’, ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ जैसे नारे गूंजते रहे। कुछ लोग वाजपेयी द्वारा लिखी गई कविताओं की पंक्तियों वाले बैनर थामे चल रहे थे।
यात्रा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल रहे और उनके साथ चल रहे समर्थकों ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए। शव यात्रा में भाजपा के कई मुख्यमंत्रियों जैसे शिवराज सिंह चौहान (मध्य प्रदेश), मनोहर लाल खट्टर (हरियाणा), केंद्रीय मंत्रियों और पार्टी नेताओं ने हिस्सा लिया।
इससे पहले, मोदी, शाह, वाजपेयी के करीबी भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा)के महासचिव सीताराम येचुरी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी(सीपीआई) नेता डी. राजा, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई. पलानीस्वामी उन राष्ट्रीय नेताओं में से थे, जिन्होंने वाजपेयी के पार्थिव शरीर को उनके आवास से पार्टी के कार्यालय पहुंचने पर श्रद्धा सुमन अपत किए।
पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर को उनके कृष्णा मेनन मार्ग स्थित आवास से फूलों से सजे सेना के एक ट्रक से भाजपा मुख्यालय तक लाया गया।
जब शव पहुंचा, उस समय मोदी, शाह, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गेट के पास मौन खड़े थे।
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और तीनों सशस्त्र बलों के प्रमुखों ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनके आवास जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और भारत के लिए ब्रिटिश उच्चायुक्त डोमिनिक एसक्विथ भी उन लोगों में से थे जिन्होंने पार्टी कार्यालय में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
नेपाल के विदेश मामलों के मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली, श्रीलंका के कार्यवाहक विदेश मंत्री लक्ष्मण किरीला, बांग्लादेश के विदेश मंत्री अबुल हसन महमूद अली अंतिम संस्कार में भाग लेंगे।
पार्थिव शरीर को वाजपेयी जी की मुस्कुराती हुई तस्वीर के सामने रखा गया था। तस्वीर के हर तरफ पार्टी का झंडा रखा हुआ था।
वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने वालों में केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, राज्य मंत्रियों, सासंदों, विधायकों, भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ आम लोग भी शामिल रहे।
जैसे ही वाजपेयी का पार्थिव शरीर पार्टी मुख्यालय पहुंचा, लोग भावुक हो गए और उनकी आंखें नम हो गईं।
अपने चहेते नेता को श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में लोग सुबह से ही पार्टी कार्यालय के बाहर जुटने लगे थे। भीड़ को नियंत्रित करने में सुरक्षाकर्मियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। यहां तक कि दार्जिलिंग की एक महिला पार्टी कार्यालय के अंदर पहुंचने के लिए गेट से कूद गई।
वाजपेयी की अंतिम यात्रा के लिए कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था की गई।
भारत रत्न से सम्मानित दिवंगत नेता के सम्मान में सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है और दिल्ली सरकार के कार्यालय, स्कूल और संस्थान शुक्रवार को बंद रखे गए हैं। केंद्र सरकार के कार्यालयों में मध्याह्न् तक कामकाज हुआ।
वाजपेयी का गुरुवार शाम को एम्स में निधन हो गया था।
मुख्य समाचार
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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