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‘विदेश नीति में देश की राजनीति प्रतिबिंबित नहीं होनी चाहिए’

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 नई दिल्ली, 16 दिसम्बर (आईएएनएस)| देश की विदेश नीति में भावनाओं व देश की राजनीति की झलक नहीं हो सकती और इसमें राष्ट्रीय हित सर्वोच्च बना रहना चाहिए।

 भारतीज जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं ने यह बात कही। शनिवार शाम को यहां वरिष्ठ पत्रकार वर्गीज के. जॉर्ज द्वारा लिखित पुस्तक ‘ओपन एंब्रेस : इंडिया-यूएस टाइज इन द एज ऑफ मोदी एंड ट्रंप’ के लॉन्च पर एक चर्चा में भाजपा के महासचिव राम माधव ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि हमें हमारी विदेश नीति में हमारी विचारधारा को लाना चाहिए।”

माधव ने नई दिल्ली की नीतियों के साथ-साथ वाशिंगटन की नीतियों को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते बेहतर बने हुए हैं।

उन्होंने कहा कि बीते साढ़े चार साल में राजग सरकार ने भारत के अमेरिका के साथ रिश्ते को संभालने का प्रयास किया और देश वाशिंगटन के बड़े रक्षा साझेदारों में से एक बन गया है और उसके साथ उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) सहयोगी के तौर पर बर्ताव किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, “मुझे कोई समानता नहीं दिखती कि ट्रंप का अपने मतदाताओं के प्रति कैसा रुख है और मोदी का अपने निर्वाचन क्षेत्र में कैसा रवैया है। मुझे नहीं लगता कि भारत-अमेरिकी रिश्ते को कोई भी रंग देना सही है।”

भाजपा नेता ने कहा, “विदेश नीति भावनाओं के माध्यम से नहीं बनाई जा सकती, इसका निर्माण राष्ट्रीय हित को दिमाग में रखकर किया जाना चाहिए।”

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि सरकारों में बदलाव के साथ विदेश नीति को अचानक नहीं बदला जा सकता।

उन्होंने कहा, “आप अपनी विदेश नीति में अपनी घरेलू राजनीति को प्रतिबिंबित होने की इजाजत नहीं दे सकते।”

शर्मा ने कांग्रेस द्वारा स्वतंत्रता आंदोलन के समय से विदेश नीति तैयार करते रहने का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने आजादी के बाद से स्पष्ट कर दिया था कि वो जिस भी रूप में है, उसका सम्मान किया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अपने विदेश दौरे पर भारतीय आव्रजकों के साथ जुड़ाव के संदर्भ में माधव ने कहा कि राजग सरकार आव्रजकों को शामिल कर विदेश नीति को एक नया आयाम देने का प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा, “मोदी भारतीय आव्रजकों का लाभ उठाना चाहते हैं और इसलिए हमने हमारी विदेश नीति में आव्रजकों को एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया है।”

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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