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विमान टिकट, रद्दीकरण शुल्क की सीमा तय हो : संसदीय समिति
नई दिल्ली, 5 जनवरी (आईएएनएस)| संसद की एक स्थायी समिति ने केंद्र सरकार से विमान टिकट और टिकट रद्द करने पर लगने वाले शुल्क की सीमा तय करने की सिफारिश की है। यह सिफारिश ‘विमानन कंपनियों को लेकर उपभोक्ताओं की संतुष्टि में सुधार से संबंधित मुद्दों’ पर संसद की स्थायी समिति की 256वीं रपट में की गई है।
चार जवरी को पेश की गई रपट के अनुसार, विकसित देशों द्वारा लागू किए गए मूल्य निर्धारण तंत्र भारत के लिए उपयुक्त नहीं हो सकते हैं।
सिफारिश के अनुसार, एविएशन टरबाइन फ्यूल(एटीएफ) मूल्य में 50 प्रतिशत की कमी किए जाने के बावजूद विमानन कंपनियों ने इसका फायदा उपभोक्ताओं को नहीं पहुंचाया।
रपट के अनुसार, समिति ने रेखांकित किया है कि त्योहारों और यात्रा तिथि के करीब की जाने वाली बुकिंग पर कुछ विमानन कंपनियां काफी पहले की बुकिं ग के दौरान लिए जाने वाले किराए से 10 गुना अधिक किराया वसूलती हैं। समिति ने कहा है कि यह मनमानी है। नियंत्रण मुक्त वातावरण का मतलब अनियंत्रित ढंग से किराया वसूलने की आजादी नहीं है।
रपट के अनुसार, आर्थिक व्यवहार्यता निर्णय लेने का एकमात्र मानदंड नहीं हो सकता। नागरिक उड्डयन मंत्रालय को इस व्यापक शोषण के बारे में जानकारी है, इसके बावजूद विमान किराए को नियंत्रित करने के लिए कदम नहीं उठाए जाते हैं। समिति इसलिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय को सभी क्षेत्रों में विमान टिकट के अधिकतम किराए पर विचार करने की सिफारिश करती है।
इसके अलावा समिति ने कहा कि निजी विमानन कंपनियां टिकट रद्द करने में मनमानी करती हैं।
रपट के अनुसार, विमानों के समय बदलने, टिकट रद्द करने और नो-शो के लिए एकसमान या न्यूनतम राशि की सीमा तय होनी चाहिए। निजी विमानन कंपनियों द्वारा आकर्षक ऑफर की आड़ में यात्रियों से टिकट रद्द करने पर टिकट का पूरा किराया वसूला जाता है।
सिफारिश यह है कि विमानन कंपनियों को टिकट रद्द कराने के शुल्क के तौर पर मूल किराए का केवल 50 प्रतिशत ही काटने के लिए बाध्य किया जाना चाहिए।
रपट के अनुसार, टिकट रद्द कराने पर यात्रियों से लिए गए शुल्क और तेल अधिभार को वापस किया जाना चाहिए। समिति ने इच्छा जाहिर की कि डीजीसीए को नियमिति अंतराल पर जांच से यह सुनिश्चित करना चाहिए कि रद्दीकरण शुल्क का भार उपभोक्ताओं पर न पड़े।
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5.6 मिलियन फॉलोअर्स वाले एजाज खान को मिले महज 155 वोट, नोटा से भी रह गए काफी पीछे
मुंबई। टीवी एक्टर और पूर्व बिग बॉस कंटेस्टेंट एजाज खान इस बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने उतरे थे। हालांकि जो परिणाम आए हैं उसकी उन्होंने सपने में भी उम्मीद नहीं की होगी। एजाज आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के टिकट पर वर्सोवा सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे लेकिन उन्होंने अभी तक केवल 155 वोट ही हासिल किए हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि नोटा को भी 1298 वोट मिल चुके हैं। इस सीट से शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के हारून खान बढ़त बनाए हुए हैं जिन्हें अबतक करीब 65 हजार वोट मिल चुके हैं।
बता दें कि ये वहीं एजाज खान हैं जिनके सोशल मीडिया पर 5.6 मिलियन फॉलोअर्स हैं। ऐसे में बड़ी ही हैरानी की बात है कि उनके इतने चाहने वाले होने के बावजूद भी 1000 वोट भी हासिल नहीं कर पाए। केवल 155 वोट के साथ उन्हें करारा झटका लगा है।
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