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विश्व आर्थिक मंच में शिरकत करने सोमवार को दावोस जाएंगे मोदी
नई दिल्ली, 19 जनवरी (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को विश्व आर्थिक मंच में हिस्सा लेने स्विट्जरलैंड के दावोस जाएंगे। शुक्रवार को यह घोषणा की गई। दो दशकों में ऐसा पहली बार हो रहा है कि भारत का कोई प्रधानमंत्री इस फोरम में हिस्सा लेने जा रहा है।
इससे पहले 1997 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एच.डी. देवगौड़ा ने इस सम्मेलन में हिस्सा लिया था।
मोदी के दौरो की महत्ता को रेखांकित करते हुए विदेश मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव विजय गोखले ने कहा कि 1997 में भारतीय अर्थव्यवस्था 1 ट्रिलियन डॉलर से नीचे थी जो अब बढ़कर 2 ट्रिलियन डॉलर की हो गई है।
गोखले ने कहा, इस फोरम के पूर्ण सत्र में 23 जनवरी को प्रधानमंत्री भाषण देंगे।
उन्होंने कहा, स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय वार्ता होगी और ऐसे मौके हो सकते हैं जब अन्य नेताओं से भी मोदी की मुलाकात हो, यह परिस्थितियों व जरूरतों पर निर्भर करेगा।
गोखले ने कहा कि यह दौरा इस बात का द्योतक है कि , ‘भारत दुनिया के अन्य देशों के साथ काफी बहुआयामी तरीके से संबंध जोड़ रहा है।’
उन्होंने कहा, यह दौरा ऐसे समय हो रहा है जब भारत की पहचान बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था के तौर पर हो रही है।
औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग के सचिव रमेश अभिषेक ने दावोस में मोदी के कार्यक्रम का विवरण देते हुए कहा कि 22 जनवरी को रात्रि भोज का आयोजन किया जाएगा, जिसमें 60 कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भाग लेंगे।
इनमें से भारत के 20 सीईओ व अन्य देशों के 40 सीईओ होंगे। ये 60 कंपनियां 26 विभिन्न क्षेत्रों की कंपनियां हैं।
उन्होंने कहा, इसके अलावा 23 जनवरी को मोदी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार परिषद के 120 सदस्यों से संवाद करेंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या दावोस में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मोदी के बीच मुलाकात हो सकती है, गोखले ने कहा कि दोनों नेता एक साथ दावोस में मौजूद नहीं होंगे।
मोदी के बाद वहां विभिन्न सत्रों व कार्यक्रमों में वित्त मंत्री अरुण जेटली, केंद्रीय वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु, पेट्रोलियम राज्य मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, रेलवे मंत्री पीयूष गोयल, पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह और विदेश राज्य मंत्री एम.जे. अकबर हिस्सा लेंगे।
नेशनल
महाराष्ट्र में बोले अमित शाह- शरद पवार की चार पुश्तें भी जम्मू-कश्मीर में धारा 370 वापस नहीं ला सकती
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के सांगली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी, कांग्रेस और महाविकास अघाड़ी गठबंधन पर जमकर हमला बोला। अमित शाह ने कहा, “मैं एमवीए वालों से पूछने आया हूं कि औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर होना चाहिए या नहीं?
अमित शाह ने आगे कहा, ”अभी-अभी जम्मू कश्मीर के असेंबली में मीटिंग हुई, नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ कांग्रेस पार्टी ने भी एक संकल्प किया कि धारा 370 वापस लाइए, कश्मीर जो है भारत का अभिन्न यंग नहीं है। मैं आज संभाजी महाराज की भूमि पर कह कर जा रहा हूं- शरद पवार साहब, चाहे आपकी चार पुश्ते भी आ जाएं, हम धारा 370 को वापस नहीं आने देंगे।”
अमित शाह यहीं पर नहीं रुके। उन्होंने राम मंदिर का जिक्र करके कांग्रेस पार्टी पर हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी 75 साल से राम मंदिर को लटका रही थी। राहुल गांधी अयोध्या नहीं गए, उन्हें वोट बैंक से डर लगता है। हम बीजेपी वाले उस वोट बैंक से नहीं डरते हैं. हमने काशी विश्वनाथ का कॉरिडोर भी बनाया, सोमनाथ का मंदिर भी सोने का बन रहा है। उन्होंने आगे कहा कि यहां पर तुष्टिकरण की राजनीति चल रही है, इसे रोकने का एकमात्र रास्ता बीजेपी की सरकार है। महायुति की सरकार है।
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