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विश्व पर्यावरण दिवस पर आंचलिक विज्ञान नगरी में अनेक कार्यक्रम

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पर्यावरण निदेशालय, आंचलिक विज्ञान नगरी, पर्यावरणीय शिक्षा केन्द्र, विश्व पर्यावरण दिवस समारोह

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लखनऊ। पर्यावरण निदेशालय, उ0प्र0 और पर्यावरणीय शिक्षा केन्द्र (सीईई), लखनऊ के तत्वाधान में 4-5 जून को आंचलिक विज्ञान नगरी, लखनऊ में पर्यावरण मेले का आयोजन किया गया। पर्यावरण निदेशालय उ0प्र0 की उपनिदेशक श्रीमती श्रुति शुक्ला, श्रीमती प्रीति कनौजिया, समायोजक, पर्यावरणीय शिक्षा केन्द्र (सीईई), लखनऊ, महेन्द्र सिंह राणा, सहायक निदेशक, बेसिक शिक्षा विभाग, उ0प्र0, डा0 पी0के0 श्रीवास्तव, पूर्व वैज्ञानिक, सी0डी0आर0आई0, लखनऊ तथा अन्य गणमान्य अतिथि इस अवसर पर उपस्थित थे। लगभग 500 विद्यार्थियों तथा उनके माता-पिता ने विश्व पर्यावरण दिवस समारोह में भाग लिया।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रुति शुक्ला ने विद्यार्थियों से बातचीत करते हुए बताया कि विश्व पर्यावरण दिवस की शुरूआत 5 जून, 1973 से मानव हित में हरा-भरा एवं स्वस्थ्य पर्यावरण के महत्व बारे में वैश्विक जागरूकता फैलाने के उद्देश्य की की गई। तब से प्रत्येक 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पूरे विश्व भर में मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम ने हरित अर्थ व्यवस्था को एक ऐसी व्यवस्था के रूप में परिभाषित किया है जिससे मानव का रहन सहन और सामाजिक समानता बढ़ सके तथा पर्यावरणीय खतरे और पारिस्थितिकीय अभाव कम हो सके। उन्होंने कहा कि लोगों को स्थाई एवं न्याय संगत विकास लाने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए तथा हरित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना चाहिए। IMG_8662

प्रीति कनौजिया ने कहा कि पर्यावरण का संरक्षण आर्थिक विकास में सुधार लाने में सहायक होता है क्योंकि यह हमारी प्राकृतिक धरोहरों जैसे वन, पानी, मिट्टी और खाद्य संसाधनों का पोषण करता है। उन्होंने कहा कि छात्रों के लिए आयोजित विभिन्न कार्यक्रम उनका ध्यान पर्यावरण की ओर केन्द्रित करने में सहायक होंगे। उन्होंने आगे कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का अत्याधिक दोहन भविष्य में विनाशकारी परीणाम ला सकता है और यह बहुत आवश्यक है कि बच्चों को पर्यावरण के संरक्षण के प्रति जागरूक किया जाय।

डा0 पी0के0 श्रीवास्तव ने भी बच्चों के साथ बार्ता की तथा सलाह दी कि प्रत्येक बच्चें को अपने जन्मदिन पर अपने घर के आस-पास कम से कम एक पौधा जरूर रोपें। श्री श्रीवास्तव ने पर्यावरण के विभिन्न धारणओं का व्याख्यान साइन्टून के जरिए किया। पेड़ एवं पौधे जैसे नीम, पीपल, तुलसी आदि यदि खत्म हो जायें तो जो कि केवल दवाओं के लिए ही नहीं बल्कि धर्म के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। तब क्या परिस्थिति होगी? हम बहुत ही भाग्यशाली हैं कि हम भारत में रहते हैं जहाँ सबसे ज्यादा आक्सीजन देने वाले जैसे पीपल भारी संख्या में पाये जाते हैं। नीम की दातून हमारे दातों के लिए मसूड़ों के कैंसर तथा उनसे संबंधित सभी बीमारियों से निजात दिलाता है।

इस अवसर पर विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रम आयोजित किये गये जैसे पोस्टर प्रतियोगिता, श्लोगन लेखन प्रतियोगिता, हैण्ड/फेस पेन्टिंग, कठपुतली कार्यक्रम, चेहरा अभिव्यक्ति प्रतियोगिता, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आदि। कार्यक्रम के अंतर्गत सारथी विकास फाउण्डेशन के लगभग 60 छात्राओं ने विभिन्न कार्यक्रमों में प्रतिभागिता करते हुए आमंत्रित वैज्ञानिकणगणों के साथ रूबरू हुई। कार्यक्रम के अन्त में मुख्य अतिथि ने सभी विजेताओं को पुरस्कार वितरित किये।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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