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वैश्विक पहल को लेकर आईपीसीए ने अंतराष्ट्रीय संगठनों से हाथ मिलाया
नई दिल्ली, 14 जून (आईएएनएस)| दुनिया भर के नागरिकों में हानिकारक बीमारियां फैलाने वाले मच्छरों और कीड़े-मकौड़ों पर नियंत्रण के लिए जागरूक करने तथा पेस्ट मैनेजमेंट इंडस्ट्री के महत्व को समझाने के वैश्विक पहल के तहत इंडियन पेस्ट कंट्रोल एसोसिएशन (आईपीसीए) ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक संगठनों से हाथ मिलाया है। इन संगठनों में नेशनल पेस्ट मैनेजमेंट एसोसिएशन (एनपीएमए), फेडरेशन ऑफ एशियन एंड ओसेनिया पेस्ट मैनेजमेंट एसोसिएशन (एफएओपीएमए), चाइनीज पेस्ट कंट्रोल एसोसिएशन (सीपीसीए) और कन्फेडरेशन ऑफ यूरोपियन पेस्ट मैनेजमेंट एसोसिएशन (सीईपीए) शामिल हैं।
इसके लिए दुनिया भर में जून में वल्र्ड पेस्ट डे मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य सभी भागीदारों, दुनिया भर के देशों के नागरिकों, वहां की सरकारों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच पेस्ट कंट्रोल के संबंध में जागरूकता उत्पन्न करना है। लोगों के लिए पेस्ट मैनेजमेंट सर्विस की अहमियत समझने के साथ-साथ यह समझना भी बहुत जरूरी है कि कैसे इस सर्विस का प्रयोग कर घरों, दफ्तरों और पूरे पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सकता है। हाल ही में जीका वायरस से संक्रमण का मामला सामने आने और बारिश का मौसम नजदीक होने से व्यावसायिक पेस्ट कंट्रोल सर्विस अब जरूरत बन गई है।
आईपीसीए के अध्यक्ष राजू पारुलकर ने कहा, विश्व के प्रमुख व्यापारिक संगठनों की ओर से वल्र्ड पेस्ट डे एक महत्वपूर्ण ग्लोबल पहल है, जिसके तहत दुनिया भर के देशों के नागिरकों में पेस्ट संबंधी मुद्दों के प्रबंधन के लिए जागरूकता उत्पन्न की जाएगी और उन्हें पेस्ट कंट्रोल की अहमियत के बार में समझाया जाएगा। प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन की तर्ज पर की गई यह पहल राष्ट्रीय महत्व रखती है। हानिकारक और बीमारियां फैलाने वाले मच्छरों के प्रभाव से मुक्त भारत, एक बेहतर भारत।
आईपीसीए और उसके सदस्यों ने इस वैश्विक पहल का समर्थन इसलिए किया है क्योंकि यह हानिकारक मच्छरों और चूहे, गिलहरी जैसे कुतरने वाले जीवों से मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव के संबंध में जन जागरूकता उत्पन्न करने का एक मंच मुहैया कराता है।
आईपीसीए भारत में प्रोफेशनल पेस्ट मैनेजमेंट कंपनियों का गौरलाभप्रद व्यापारिक संगठन है। इसकी स्थापना 1967 में हुई थी। प्रफेशनल पेस्ट मैनेजमेंट सर्विसेज का यह प्रमुख संगठन है, जिसके देश भर में 300 से ज्यादा सदस्य है।
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दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी
नई दिल्ली। दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी का क्रम लगातार जारी है. अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में अकेले डेंगू के मरीजों में भारी संख्या में इजाफे की सूचना है. दिल्ली नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक साल 2024 में डेंगू के अब तक 4533 मरीज सामने आए हैं. इनमें 472 मरीज नवंबर माह के भी शामिल हैं.
एमसीडी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में इस साल अब तक मलेरिया के 728 और चिकनगुनिया के 172 केस दर्ज हुए हैं.
डेंगू एक गंभीर वायरल संक्रमण है, जो एडीज़ मच्छर के काटने से फैलता है। इसके होने से मरीज को शरीर में कमजोरी लगने लगती है और प्लेटलेट्स डाउन होने लगते हैं। एक आम इंसान के शरीर में 3 से 4 लाख प्लेटलेट्स होते हैं। डेंगू से ये प्लेटलेट्स गिरते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि 10 हजार प्लेटलेट्स बचने पर मरीज बेचैन होने लगता है। ऐसे में लगातार मॉनीटरिंग जरूरी है।
डॉक्टरों के अनुसार, डेंगू के मरीज को विटामिन सी से भरपूर फल खिलाना सबसे लाभकारी माना जाता है। इस दौरान कीवी, नाशपाती और अन्य विटामिन सी से भरपूर फ्रूट्स खिलाने चाहिए। इसके अलावा मरीज को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट देना चाहिए। इस दौरान मरीज को नारियल पानी भी पिलाना चाहिए। मरीज को ताजा घर का बना सूप और जूस दे सकते हैं।
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